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प्रादेशिक

23 से जनता के लिए खुलेगा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे

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Agra-lucknow expresswayलखनऊ। उत्तर प्रदेश में नवनिर्मित लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे आगामी 23 दिसंबर से आम नागरिकों के लिये उपलब्ध होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने यह निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि 23 दिसम्बर से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर यातायात का संचालन आम नागरिकों के लिए करने को आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करा ली जाएं। भटनागर ने कहा कि आम नागरिकों को आकस्मिक चिकित्सा एवं सुरक्षा व्यवस्था तत्काल उपलब्ध कराने को लगभग प्रत्येक 30 किलोमीटर पर आगरा एक्सप्रेस-वे की दोनों दिशाओं पर डॉयल-100 एवं 108-एम्बुलेंस के एक-एक वाहन उपलब्ध कराए जाएं।

उन्होंने कहा कि आम जनता को सुगम यातायात की सुविधा हेतु सडक़ मार्ग पर आवश्यकतानुसार माइल स्टोन एवं साइन बोर्ड भी समय से लगवा दिए जाएं।

मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे सडक़ मार्ग पर आगामी 23 दिसंबर से आम नागरिकों को यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विभागीय अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आगरा एक्सप्रेस-वे मार्ग पर निर्धारित समय पर उपलब्ध कराए जाने वाले 108 एम्बुलेंस एवं उप्र-100 का ट्रॉयल रन 23 दिसम्बर के पूर्व ही प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करा लिया जाए।

उन्होंने कहा कि इन वाहनों पर तैनात होने वाले वाहन चालकों को सामान्यत: स्थानान्तरित कर अन्य जगह पर तैनात न किया जाए, क्योंकि इन वाहनों पर तैनात किए जाने वाले वाहन चालकों को नवनिर्मित लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे सडक़ मार्ग की जानकारी होने के साथ-साथ चिन्हित अस्पतालों एवं पुलिस स्टेशनों की जानकारी से पूर्णत: भिज्ञ हो जाएंगे।

भटनागर ने कहा कि लगभग 302 किलोमीटर की लम्बाई वाले इस एक्सप्रेस-वे पर यातायात का नियमन, प्रबंधन, यातायात नियमों का प्रवर्तन तथा वाहनों के सुगम एवं सुरक्षित आवागमन के लिए समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं जिला पुलिस से सामंजस्य स्थापित कर सुनिश्चित कराई जाएं। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे पर पेट्रोलिंग करने वाले वाहनों हेतु सम्बन्धित जनपदों में उचित स्थान चिन्हित कर बेस-स्टेशन का निर्माण यूपीडा द्वारा कराया जाए। उन्होंने बेस स्टेशनों पर वायरलेस सेट तथा स्थानीय थाना का एक प्रतिनिधि नियमित उपस्थित रहने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर लगने वाले वाहनों में जनपद में उपलब्ध यातायात प्रवर्तन उपकरण जैसे ब्रेथइनलाइजर, स्पीड राडार आदि भी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे पर सडक़ सुरक्षा के समग्र उपायों के लिए यूपीडा से समेकित हाइवे ट्राफिक मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करने हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें सम्बन्धित जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों से सामंजस्य स्थापित कर की जाएं।

बैठक में प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास रमा रमण, पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद सहित सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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