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अयोध्या पहुंचे लेकिन विवादित स्थल से दूर रहे राहुल गांधी

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फैजाबाद/अयोध्या। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को खड़ा करने में जुटे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपनी किसान यात्रा के चौथे दिन शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। हनुमानगढ़ी मंदिर में उन्होंने पूजा-अर्चना की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया। हालांकि हनुमानगढ़ी से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित उस शिलान्यास स्थल से राहुल दूर रहे जहां वर्ष 1989 में राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी गयी थी।

राहुल गांधी से करीब 20 मिनट अकेले कमरे में बात करने के बाद ज्ञानदास ने बताया कि मैंने राहुल गांधी को पीएम बनने का आशीर्वाद दिया और उनसे कहा कि आप पीएम बनें और यहां के मंदिर-मस्जिद विवाद का हल करें। ज्ञानदास ने कहा, मैंने उनसे कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद राजनीतिक कारणों से काफी बढ़ गया। आप इस पर गौर करें। मेरा आशीर्वाद है कि आप पीएम बनकर इस विवाद को हल करने में सफल हों।

ज्ञानदास ने कहा, करीब 20 मिनट उनसे हुई एकांत में बातचीत काफी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने मेरी बातों को ध्यान से सुना। कुछ पर चुप्पी साधे रहे, लेकिन कई का अच्छा जवाब दिया। राहुल गांधी अच्छे व्यक्ति हैं और उनमें सुनने का माद्दा है। उन्होंने कहा कि वह अयोध्या में एक मस्जिद की मरम्मत करा रहे हैं। मस्जिद हनुमानगढ़ी की संपत्ति है। राहुल को जब इसकी जानकारी दी गई तो वह काफी खुश हुए और उन्होंने कहा कि देश की असली संस्कृति यही है। एक साधु स्थानीय मुस्लिमों के साथ मिलकर मस्जिद की मरम्मत करा रहा है, इससे ज्यादा सुकून देने वाली बात और क्या हो सकती है।

अयोध्या में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि आज किसान बेहाल है। यदि नरेंद्र मोदी उद्योगपतियों का कर्जा माफ कर सकते हैं तो किसानों का कर्जा भी माफ कर सकते हैं। उन्हें महंगाई को नियंत्रित करना चाहिए।

कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि राहुल के मंदिर के दौरे का राजनीति से कोई मतलब नहीं है। एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि गांधी परिवार के यह हमेशा सर्वधर्म सद्भाव में विश्वास रहा है। हालांकि जानकार इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड का जवाब में कांग्रेस ने भी अपना सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेल रही है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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