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26/11 मुंबई हमला : वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हेडली की गवाही

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मुंबई| लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष टाडा अदालत के समक्ष अपना शपथपूर्वक बयान दर्ज करा रहा है। हेडली फिलहाल अमेरिका की एक जेल में सजा काट रहा है और वह वहीं से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज करा रहा है। हेडली 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में सरकारी गवाह है।

वरिष्ठ अभियोजन वकील उज्जवल निकम अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे हैं जबकि आपराधिक मामलों के वकील महेश जेठमलानी विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश जी.ए.सनाप के समक्ष हेडली का पक्ष रख रहे हैं।

हेडली के साथ तीन लोग हैं, जिनमें उसका वकील जॉन, एक अमेरिकी वकील साराह और एक अज्ञात शख्स बॉब है। हेडली ने सुबह 7.30 बजे शपथ ली, जिसके बाद निकम ने उनसे सवाल पूछने शुरू कर दिए।

शुरुआत में हेडली ने बताया कि उसका जन्म अमेरिका में 30 जून, 1960 को हुआ था। वह बाद में पाकिस्तान जाकर बस गया, जहां उसने अपना नाम बदलकर दाऊद सैयद गिलानी कर दिया।

हेडली (54) ने अपने पासपोर्ट की विस्तृत जानकारियां और 26/11 हमले से पहले 2006 से 2008 के बीच आठ बार मुंबई आने और एक बार नई दिल्ली जाने का ब्यौरा दिया, जिसमें से वह सात बार मुंबई पाकिस्तान के रास्ते, एक बार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के रास्ते आया था। अंतिम बार जब वह मुम्बई आया था, उसके बाद ही यहां हमले हुए थे।

कुछ ही घंटों की कार्यवाही में निकम ने हेडली से लगभग पांच दर्जन सवाल पूछे। हेडली ने खुलासा किया कि उसके वीजा आवेदन पत्र में दर्ज अधिकतर जानकारी गलत है।

हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी होने की बात कबूल की। उसने इस आतंकवादी संगठन में अपने संपर्क में किसी साजिद मीर के होने का भी खुलासा किया।

विशेष अभियोजन वकील निकम ने कार्यवाही की पूर्व संध्या पर कहा था, “यह पहली बार है कि एक आतंकवादी दूसरे देश से गवाही दे रहा है और साक्ष्य दे रहा है।”

हेडली के इन साक्ष्यों से अभियोजन पक्ष को मुंबई हमलों में हेडली के साथी षडयंत्रकारियों तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।

पिछले साल 10 दिसंबर को हुई सुनवाई में विशेष न्यायाधीश ने हेडली को माफ कर दिया था और कुछ शर्तों के साथ सरकारी गवाह बनने को कहा था, जिसे हेडली ने कबूल कर लिया था।

न्यायाधीश सनाप ने हेडली से 26/11 मामले से संबंधित सभी जानकारियों का खुलासा करने को कहा है, जो उसने अमेरिकी अदालतों को बताई हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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