Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

300 रु को अरबों में बदलने वाले धीरूभाई अंबानी की ये बातें, क्या जानते हैं आप

Published

on

Loading

मुंबई। कहते हैं मेहनत के बल पर इंसान कोई भी मुकाम पा सकता है। कुछ यही बात धीरूभाई अंबानी के बारे में भी कही जाती है। लोग बताते हैं कि गुजरात के एक छोटे से कस्बे से जब वह मुंबई आए तो उनके पास सिर्फ 500 रुपए थे। जिससे बाद उन्होंने 62 हजार करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा किया। धीरूभाई अंबानी को उन बिजनेसमैन में शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपने दम पर सपने देखे और उन्हें पूरा कर पूरी दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया। आज की युवा पीढ़ी के लिए धीरूभाई अंबानी एक मिसाल हैं।

धीरूभाई अंबानी गुजरात के एक बेहद ही मामूली शिक्षक के परिवार में 28 दिसंबर 1932 को जन्मे थे। उन्होंने मात्र हाईस्कूल तक की शिक्षा ग्रहण की थी, पर अपने दृढ-संकल्प के बूते उन्होंने स्वयं का विशाल व्यापारिक और औद्योगिक साम्राज्य स्थापित किया। अपने शुरुआती दिनों में धीरूभाई अंबानी गुजरात के जूनागढ़ में माउंट गिरनार आने वाले तीर्थयात्रियों को बजिया बेचा करते थे। इसके बाद उन्होंने यमन के एडेन शहर में ‘ए. बेस्सी और कंपनी’ के साथ 300 रूपये प्रति माह के वेतन पर काम किया। हालांकि वो नौकरी उन्हें कुछ जमी नहीं। बाद में वह भारत वापस लौट आए। इसके बाद उन्होंने यहीं कोई व्यापार करने की सोची

कुछ दिनों तक बाजार को करीब से देखने के बाद धीरूभाई को यह समझ में आ गया कि भारत में पोलिस्टर की मांग सबसे ज्यादा है और विदेशों में भारतीय मसालों की। उन्होंने दिमाग लगाया और एक कंपनी रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन की शुरुआत की, जिसने भारत के मसाले विदेशों में और विदेश का पोलिस्टर भारत में बेचने की शुरुआत कर दी।अपने पहले बिजनेस की शुरुआत के लिए धीरूभाई ने 350 वर्ग फुट का कमरा, एक मेज, तीन कुर्सी, दो सहयोगी और एक टेलिफोन के साथ की थी। साल 1966 में उन्होंने विमल ब्रांड के साथ कपड़ों के बिजनेस में कदम रखा। कुछ ही वर्षों में धीरूभाई की ये कंपनी देश की जानी-मानी कंपनी बन गई लेकिन बांबे डाइन तब उनसे आगे थी। कामयाबी की राह में मुश्कि लें तो कई आईं पर धीरूभाई रुके नहीं।

1992 में जैसे ही देश में लाइसेंस राज खत्म हुआ, रिलायंस ने तेजी से तरक्की करना शुरू कर दिया। साल 1992 में ग्लोबल मार्केट से फंड जुटाने वाली रिलायंस देश की पहली कंपनी बन गई। साल 2000 के आसपास रिलायंस पेट्रो केमिकल और टेलीकॉम सेक्टर में भी आ गई। 2000 के दौरान ही अंबानी देश के सबसे रईस व्यटक्ति बनकर भी उभरे। साल 2002 में फोर्ब्स ने दुनिया के सबसे रईस लोगों की सूची में धीरूभाई को 138 स्थान दिया था। उसी साल 6 जुलाई को धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया था।

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending