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5 करोड़ में अब तक लगा सिर्फ एक नलकूप

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राकेश यादव

-जेल प्रशिक्षण संस्थान परिसर में बन रहा कारागार मुख्यालय

-राजकीय निर्माण निगम की सुस्ती से जेल अफसरों मे बेचैनी

लखनऊ। कारागार विभाग के अधिकारियों को अब बहुत दिनों तक पिकप भवन स्थित कारागार मुख्यालय में नहीं रहना पड़ेगा। पुरानी जेल स्थित सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान में नया कारागार मुख्यालय बनाया जा रहा है। करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाले इस भवन के निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को सौंपी गई है। यह अलग बात है कि यूपीआरएनएन निर्माण को लेकर काफी सुस्त है। बीते सात माह के दौरान निर्माण निगम ने विभाग से पांच करोड़ रुपए लेकर एक ट्यूबवेल ही लगाया है।

प्रदेश की पूर्व बसपा सरकार ने हजरतगंज के सुन्दरीकरण को लेकर लालबाग स्थित कार बजार के सामने कारागार स्थानांतरित कर गोमती नगर के पिकप भवन के पंचम तल पर भेज दिया था। इस खाली कारागार मुख्यालय के खाली हुए स्थान पर माया सरकार ने फायर सर्विस स्टेशन एवं एसपी पूर्वी कार्यालय बनवा दिया था। शहर के मध्य में बने इस कार्यालय के पिकप भवन स्थानांतरित होने से अधिकारियों और कर्मचारियों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन मामला बसपा सुप्रीमो से जुड़ा होने के कारण विभागीय अधिकारी इस गम्भीर मसले पर चुप्पी साधे रहे।

सूत्रों का कहना है कि अब सरकार किराए के भवन में चल रहे इस कारागार मुख्यालय को अपने स्थाई भवन में भेजने में लगी है। इसके तहत सरकार ने जेल अफसरों से परामर्श के बाद जेल प्रशिक्षण संस्थान परिषद में कारागार मुख्यालय के लिए नया भवन बनाने का निर्णय लिया। इस भवन के निर्माण की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। संस्थान परिसर की करीब साढ़े चार एकड भूमि पर कारागार मुख्यालय भवन एवं अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए अवासीय परिसर का निर्माण कराया जाएगा। करोड़ों की लागत से बनने वाले कारागार मुख्यालय भवन एवं अवासीय परिसर निर्माण के लिए कारागार मुख्यालय ने निर्माण इकाई यूपीआरएनएन को बीते मार्च माह में पांच करोड़ रुपए धनराशि की प्रथम किस्त आवंटित कर दी गई। यूपीआरएनएन ने बीते सात माह के दौरान पांच करोड़ की आवंटित धनराशि लेकर अभी तक परिसर में केवल एक नलकूप की ही बोरिंग की है।

साफ सफाई और एक नलकूप की बोरिंग में यूपीआरएनएन के सुस्त रफ्तार की पोल खोल दी है। विभागीय अफसरों का कहना है कि कार्यदायी संस्था की यही रफ्तार रही तो कारागार मुख्यालय भवन एवं आवासीय भवन व परिसर बनने में कई वर्ष लग जाएंगे। इस बाबत जब राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक आरके गोयल से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझा।

प्रोजेक्ट मनेजर मृगेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कारागार मुख्यालय एवं अवासीय परिसर के निर्माण के लिए विभाग ने बीते मार्च माह मे पांच करोड़ रुपए की धनराशि दी थी। परिसर मे पुरानी बिल्डिंगों को ढहाए जाने की प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से कार्य में देरी जरूर हो रही है। मृगेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान होने वाली साफ सफाई के दौरान एक नलकूप लगाया गया है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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