मुख्य समाचार
5 दिसंबर को राष्ट्रीय रक्तदान अभियान का आयोजन करेगा एचडीएफसी बैंक
• देश भर के 906 शहरों में 1800 से अधिक रक्तदान शिविर
• भारत के सबसे बड़े एकदिवसीय रक्तदान अभियान का आयोजन
मुंबई: एचडीएफसी बैंक शुक्रवार, 5 दिसंबर को देश भर में रक्तदान अभियान का आयोजन करेगा। एचडीएफसी बैंक का यह वार्षिक आयोजन अब अपने आठवें वर्ष में पहुँच गया है। दिसंबर 2013 में एचडीएफसी बैंक द्वारा आयोजित किया गया रक्तदान शिविर विश्व भर में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्रयास था, जिसमें एक दिन में 61,902 लोगों ने रक्तदान किया।
इस साल एचडीएफसी बैंक जीवन बचाने वाली इस पहल का हिस्सा बनने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के साथ अधिक कस्बों और शहरों में रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रहा है। बैंक देश भर के 906 शहरों में 1800 से अधिक केंद्रों में रक्तदान शिविरों की स्थापना करेगा।
एचडीएफसी बैंक कॉलेज परिसरों में रक्तदान शिविरों की स्थापना कर इस पहल से जुड़ने के लिए देश भर के युवाओं तक भी पहुँच बना रहा है। एचडीएफसी बैंक ने इस साल 736 कॉलेज परिसरों में रक्तदान केंद्रों के साथ कॉलेजों की संख्या बढ़ा दी है।
रक्तदान के इच्छुक व्यक्ति बैंक की वेबसाइट http://www.hdfcbank.com/blooddonation पर जा कर अपने नजदीकी केंद्र का पता लगा कर रक्तदान कर सकते हैं। बैंक ने इस अभियान में तकनीकी सहायता के लिए 906 स्थानों पर स्थानीय अस्पतालों और और ब्लड बैंकों से तालमेल किया है।
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के अनुसार एक देश को अपनी 1% आबादी के बराबर न्यूनतम रक्त स्टॉक की जरूरत होती है। इसके मुताबिक भारत को 1.2 करोड़ यूनिट खून की जरूरत है, जबकि हम 90 लाख यूनिट खून ही एकत्र कर पाते हैं। सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं के शिकार लोगों को, जटिल प्रसव के दौरान महिलाओं को, कैंसर और थैलेसिमिया से पीड़ित मरीजों और गंभीर सर्जरी से गुजरने वाले लोगों को खून की कमी के चलते मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।
एचडीएफसी बैंक के कंट्री हेड-ऑपरेशंस भावेश जवेरी ने कहा, “रक्त को बनाया नहीं जा सकता। इसका कोई कृत्रिम विकल्प नहीं है। यह सिर्फ उदार दाताओं के रक्तदान से ही उपलब्ध हो पाता है। हमारे वार्षिक रक्त शिविर अभियान में प्रत्येक स्वयंसेवी एक जिंदगी बचाने के लिए आगे कदम बढ़ा रहा है। एक सामाजिक जवाबदेह कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में हम रक्त की मांग और आपूर्ति के अंतर को खत्म करने में अपनी जिम्मेदारी निभाने और लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के प्रति आशवस्त है। आइये शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014 को रक्त दान कर इस नेक मिशन का हिस्सा बनें।”
एचडीएफसी बैंक ने यह पहल 2007 में शुरू की थी। उस वर्ष 4000 से अधिक स्वयंसेवियों ने इस मकसद को सफल बनाने में अपना योगदान किया था। उसके बाद से इन शिविरों की संख्या बढ़ गयी है। वर्ष 2013 में बैंक ने विभिन्न दिनों में 105,356 भागीदारों से 86,774 रक्त यूनिट का संग्रह किया।
रक्तदान प्रक्रिया के बारे में तथ्य
• रक्तदान करना एक सुरक्षित प्रक्रिया है। प्रत्येक रक्तदानकर्त्ता के लिए एक स्टेराइल सूई का इस्तेमाल कर उसे फेंक दिया जाता है।
• रक्तदान एक आसान चार-सूत्री प्रक्रिया है। पंजीकरण, चिकित्सा इतिहास और सूक्ष्म शारीरिक जाँच, रक्तदान और जलपान।
• यह सुनिश्चित करने के लिए रक्तदान करना सुरक्षित है, प्रत्येक रक्तदानकर्त्ता की सूक्ष्म शारीरिक जाँच, शारीरिक तापमान, रक्त दबाव, नाड़ी और हीमोग्लोबिन की जाँच की जाती है।
• सामान्य तौर पर रक्तदान में 10-12 मिनट से भी कम समय लगता है लेकिन रक्तदान करने के लिए आने और फिर जाने तक की इस पूरी प्रक्रिया में लगभग एक घंटे और 15 मिनट का समय लग जाता है।
• औसतन एक व्यस्क में लगभग 10 पाइन्ट खून होता है, जिसमें से रक्तदान के दौरान 1 पाइन्ट खून ही लिया जाता है।
• एक पाइन्ट खून तीन लोगों की जिंदगी बचा सकता है।
• अस्पतालों को दिये जाने से पहले दान किये गये सभी रक्त की एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी, सिफलिस और अन्य संक्रामक बीमारियों की जाँच की जाती है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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