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पीएम मोदी का विरोधियों पर प्रहार, बोले- कड़वी लग रही कड़क चाय

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Modi-jiगाजीपुर | भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला देश में फैले जाली नोटों के काले कारोबार को खत्म करने के लिए किया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसने अपने कद के हिसाब से चवन्नी का चलन बंद किया और वर्तमान सरकार ने बड़े नोटों को बंद कर बड़ा काम किया है। गाजीपुर के आईटीआई मैदान में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह निर्णय कठोर जरूर है, लेकिन फाययदेमंद है। प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि गरीबों को कड़क चाय ज्यादा अच्छी लगती है। उनका फैसला भी थोड़ा कड़क है।

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने तो देश में आपातकाल लगाकर पूरे देश को जेलखाना बना दिया था, लेकिन उनके फैसले से लोगों को केवल 50 दिन परेशानी होगी। उन्होंने नोटबंदी को ‘पवित्र काम’ करार देते हुए इसके लिए सभी से सहयोग मांगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। भ्रष्टाचार मिटाने और देश की भलाई के लिए 500 व 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला किया गया है। नोट गंगा में बहाने से भ्रष्टाचारियों के पाप नही धुलेंगे। ऐसे लोगों से वह डरने वाले नही हैं।

लोगों से अपील करते हुए मोदी ने कहा कि नोटों को बदलने का काम काफी बड़ा है, जिसमें सभी का सहयोग चाहिए। सभी का सहयोग मिला तो यह काम आसान हो जाएगा।

गाजीपुर के पूर्व सांसद विश्वनाथ गहमरी को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने गाजीपुर की पीड़ा व पिछड़ेपन को संसद में काफी भावनात्मक तरीके से रखा था। मोदी ने कहा कि लोगों ने गाजीपुर को हमेशा वोट के लिए इस्तेमाल किया। यहां गंगा पर जिस रेल पुल का शिलान्यास हुआ है, उसकी मांग वषरें से हो रही थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस रेल पुल का काम समयसीमा के भीतर पूरा होगा। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। सब्जियों का सही मूल्य मिलेगा, जिसकी व्यवस्था की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने फसल बीमा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार देश के किसान मामूली पैसे देकर यह बीमा करा सकते हैं। शेष राशि सरकार अदा करेगी। मोदी ने कहा कि फसल तैयार होने के बाद यदि अचानक कोई प्राकृतिक आपदा आ गई तो भी किसानों को बीमा का लाभ मिलेगा। कटाई के बाद 15 दिन तक इसकी समय सीमा रखी गई है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार गांव, गरीब व किसान के लिए है। हिन्दुस्तान में धन की कमी नहीं है, लेकिन धन जहां होना चाहिए, वहां नहीं है और जहां नहीं होना चाहिए, वहां ढेर लगा हुआ है।

प्रधानमंत्री ने गाजीपुर को महर्षि विश्वामित्र की धरती बताया और कहा कि जनता के वोट की ताकत की वजह से ही उन्हें भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का साहस मिला।

प्रधानमंत्री ने कहा, “लोकसभा चुनाव के समय मैंने कहा था कि मेरा छोटा भाई यहां से चुनाव लड़ रहा है। आपने मुझ पर भरोसा किया और गाजीपुर से न सिर्फ मनोज सिन्हा को विजयी बनाया, बल्कि भारत के नव निर्माण की नींव रखने का भी काम किया।”

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर भोजपुरी में यहां के लोगों का अभिवादन किया और गाजीपुर के वीर शहीद अब्दुल हमीद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सेना में सबसे अधिक गाजीपुर से ही लोग हैं।

मोदी ने कहा, “केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में यदि उप्र मदद नहीं करता तो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ इतना बड़ा कदम नहीं उठा पाता। वोट की ताकत की वजह से ही यह सब हो रहा है।”

उन्होंने गाजीपुर के प्यार को सूद समेत लौटाने का वादा करते हुए कहा कि गोरखपुर में खाद कारखाना के कायाकल्प के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। लेकिन इसे जिंदा करने का काम किया गया है। यहां के किसानों का भाग्य बदल गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वाचल के लोग बीमार होते तो इलाज के लिए भटकते थे। इस परेशानी को भी दूर करने का काम किया गया है।

इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने मऊ-ताड़ीघाट के बीच गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल और गाजीपुर सिटी-बलिया रेल खंड के दोहरीकरण का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने गाजीपुर सिटी और कोलकाता के बीच साप्ताहिक सुपरफास्ट ‘शब्दभेदी’ एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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