Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है ग्रीन-टी : वैज्ञानिक

Published

on

Loading

न्यूयार्क| ग्रीन टी के शौकीनों के लिए हिदायत है कि वह संभल जाएं क्योंकि एक नए शोध के मुताबिक यह आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

आमतौर पर ग्रीन टी आम चाय की तुलना में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती है लेकिन एक नए शोध से सामने आया है कि इसके लगातार सेवन से प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कैलिफोर्निया-इरविन यूनिवर्सिटी के एक दल ने फ्रूट फ्लाइस (फल मक्खियों) पर किए गए परीक्षण में पाया कि ग्रीन टी की अत्यधिक खपत से उनका विकास और प्रजनन क्षमता प्रभावित हुई है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, “ग्रीन टी की बढ़ती लोकप्रियता इसका सेवन करने वालों की संख्या को लगातार बढ़ा रही है जो कि गलत है। ग्रीन टी या फिर अन्य किसी प्राकृतिक उत्पाद का अत्यधिक सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।”

फार्मास्युटिकल साइंसेज के सह प्राध्यापक महताब जाफरी कहती हैं, “ग्रीन टी के उचित सेवन से स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव होता है, वहीं इसका अत्यधिक सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। ”

उन्होंने बताया कि कोई ठोस निर्णय देने से पहले अभी हमें इस शोध पर काफी काम करना है लेकिन हमारा सुझाव है कि इसका कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।

वैज्ञानिकों ने ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर फ्रूट फ्लाई पर ग्रीन टी के हानिकारक प्रभावों का परीक्षण किया है। उन्होंने देखा कि जिन मक्खियों के लार्वा और भ्रूण ग्रीन टी पॉलीफिनाल्स (एंटी ऑक्सीडेंट) की विभिन्न खुराकों के अधीन थे। उनकी संतानों में धीमी गति का विकास और अजीब से बदलाव देखे गए।

जाफरी का मानना है कि ग्रीन टी की उच्च खुराक की वजह से कोशिकाएं मरने लगती हैं।

उन्होंने बताया, “केमेलिया सिनेसिस से उत्पन्न ग्रीन टी पूरी दुनिया में अपने गुणों के लिए मशहूर है। लेकिन जब हमने इसका परीक्षण चूहों और कुत्तों पर किया, तो ग्रीन टी की अधिक मात्रा से उनका वजन कम हो गया और भ्रूण का विकास भी प्रभावित हुआ।”

“हम ग्रीन टी और अन्य प्राकृतिक उत्पादों की उचित मात्रा की जानकारी के लिए मक्खियों पर परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद हम मानवों के लिए इसकी सही और उचित खुराक को बताने में सक्षम हो जाएंगे।”

यह अध्ययन ‘फंक्शनल फूड्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

Continue Reading

Trending