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उत्तराखंड

कांग्रेसी बागियों की भाजपा में एंट्री रुकी

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उत्‍तराखण्‍ड के कांग्रेसी बागी, भाजपा में एंट्री रुकी, हरीश रावत सरकार से बगावत, राज्य विधानसभा के बजट सत्र

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उत्‍तराखण्‍ड के कांग्रेसी बागी, भाजपा में एंट्री रुकी, हरीश रावत सरकार से बगावत, राज्य विधानसभा के बजट सत्र

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देहरादून। बीती 18 मार्च को राज्य विधानसभा के बजट सत्र में विनियोग विधेयक पारित किये जाने के दौरान हरीश रावत सरकार से बगावत करने वाले नौ कांग्रेसी विधायकों का भाजपा में प्रवेश सोमवार को अंतिम समय में टल गया। सब कुछ तयशुदा लग रहा था। सोमवार को बागी भाजपा में शामिल होने वाले थे, लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस के बागियों को भाजपा ने नो एंट्री कह दिया। बागियों के समर्थक देहरादून में जश्न मनाने की तैयारी कर रहे थे कि अचानक दिल्ली से कॉल आई, कोई पटाखे नहीं। बागियों के समर्थकों में मायूसी छा गई, लेकिन दूसरी तरफ उत्तराखंड भाजपा के नेताओं ने फिलहाल राहत की सांस ली। प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज बागियों के भाजपा में शामिल होने पर खुश नहीं हैं। वे अपनी नाराजगी जब तब दिखाते रहते हैं। वजह यह कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिन सीटों की बागी मांग कर रहे हैं, उन्हीं सीटों पर प्रदेश भाजपा के कई बडे नेता जी जान से चुनाव जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। अब उन्हें लग रहा है कि अचानक बागी पार्टी में आकर उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। इसी विरोध को देखते हुए भाजपा हाईकमान बागियों को पार्टी में लाने से पहले प्रदेश भाजपा के नेताओं को विश्वास में लेते हुए दिखना चाहता है। इसीलिए अमित शाह ने 18 मई को दिल्ली में बैठक बुलाई है। इस बैठक में उत्तराखंड भाजपा के कई नेताओं को बुलाया गया है। बताया गया है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के अलावा त्रिवेंद्र रावत, मदन कौशिक, धन सिंह रावत और तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को अमित ने फीड बैक लेने के लिए बुलाया गया है। इस बैठक के बाद ही अब 18 मई को बागियों के भाजपा में शामिल होने पर फैसला लिया जाएगा। बागियों को महज चुनाव जीतने के लिए ही नहीं बल्कि बदली हुई परिस्थितियों में हरीश रावत सरकार से अपने कथित उत्पीड़न से बचाव करने के लिए भी भाजपा की जरूरत है। दूसरी तरफ भाजपा के दिल्ली में बैठे आला नेता भी मानकर चल रहे हैं कि बागियों के भाजपा में आने से पार्टी मजबूत होगी और हरीश रावत की लीडरशिप में चुनाव में रही कांग्रेस को हरा सकेगी। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के बागी विधायक 18 मई की शाम भाजपाई हो जाएंगे। बागियों को भाजपा में शामिल कराने का फैसला भाजपा में राष्ट्रीय स्तर पर होने जा रहा है, स्थानीय नेताओं की हां या ना फिलहाल बहुत मायने नहीं रखती। बागियों के भाजपा में आने से पहले प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ अमित शाह की दिल्ली में होने वाली बैठक एक औपचारिकता भर है। ताकि आने वाले समय में प्रदेश के नेता यह न कह सके कि इस मसले पर उनकी राय नहीं ली गई। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में उत्तराखंड में भाजपा के अच्छे दिन आते हैं या फिर बगावत का एक नया दौर शुरू होता है, यह देखने लायक होगा।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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