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आधार 97 फीसदी वयस्कों के पास : जेटली

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आधार 97 फीसदी वयस्कों के पास, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली

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आधार 97 फीसदी वयस्कों के पास, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली

नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि देश के 97 फीसदी वयस्कों के पास आज आधार कार्ड है और यह कि लोकसभा में उनके द्वारा पेश विधेयक लाभार्थियों तक सभी सरकारी सब्सिडी और सेवा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लोकसभा में उनके द्वारा तीन मार्च 2016 को पेश किए गए आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के लक्षित वितरण) विधेयक-2016 से संबंधित बहस का जवाब देते हुए उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि कार्ड के लिए जारी किए गए वितरण का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग नहीं होगा। इस विधेयक में देश के नागरिकों को एक विशिष्ट पहचान संख्या या आधार देकर उन्हें सेवा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को कानूनी मान्यता मिल जाएगी। आधार कार्ड उन सभी को दिया जाएगा, जो आधार आवेदन करने से पहले साल में 182 दिनों के लिए देश में रह चुके हैं।

जेटली ने विधेयक के धन विधेयक के रूप में पेश किए जाने का भी बचाव किया, जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति की थी। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी के द्वारा 2010 में इसे धन विधेयक के रूप में पेश नहीं किया गया था। खड़गे ने आरोप लगाया कि चूंकि राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसलिए वह इसे धन विधेयक के रूप में पेश कर रही है। जेटली ने कहा कि यह 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पेश विधेयक जैसा नहीं है। इसका केंद्रीय विषय लाभार्थियों के लिए किया जाने वाला सरकारी खर्च है, न कि सिर्फ पहचान दस्तावेज। उन्होंने कहा, “विधेयक का एक मुख्य विषय है और वह यह है कि जिसे भी राज्य या केंद्र सरकार या अन्य संस्थान के कोष से लाभ मिलेगा, उसके पास आधार कार्ड होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि 67 फीसदी बच्चे के पास भी आधार कार्ड हो चुका है और रोजाना 5-7 लाख लोग इसके लिए आवेदन कर रहे हैं।

विधेयक के अन्य प्रावधान के मुताबिक, यदि किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो सरकार उसे कोई भी अन्य पहचान दिखाकर आधार के लिए आवेदन करने के लिए कहेगी। आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में दिखाया जा सकता है, लेकिन इसे नागरिकता या निवासी प्रमाणपत्र नहीं माना जाएगा। जेटली ने कहा कि आधार संख्या का दुरुपयोग नहीं हो सकता है, क्योंकि संबंधित अधिकारी इस बारे में सिर्फ सकारात्मक, नकारात्मक या अन्य यथोचित रूप में ही जवाब दे सकते हैं। वे फिंगर प्रिंट या आईरिस स्कैन जैसे बायोमीट्रिक ब्यौरे नहीं दे सकते। सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा और अदालत के आदेश से ही ब्यौरे दिए जा सकते हैं। विधेयक के मुताबिक केंद्रीकृत डाटा बेस तक अनिधिकृत रूप से पहुंच बनाने या इसमें संरक्षित सूचनाओं को बाहर निकालने के दोषी व्यक्ति के लिए तीन साल तक के जेल और कम से कम 10 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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