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प्रादेशिक

उत्तराखंडः विधायक मदन कौशिक धोखाधड़ी मामले में फंसे

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उत्‍तराखंड, हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक धोखाधड़ी मामले में फंसे

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उत्‍तराखंड, हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक धोखाधड़ी मामले में फंसे

देहरादून। हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक एक विवाद में फंस गये हैं। कनखल के एक व्यापारी ने विधायक व उनके भाई पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। व्यापारी ने मामले की सीबीआई जांच करने की मांग भी की है। पीडि़त व्यापारी का कहना है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वो अपने परिवार के साथ बुधवार को विधानसभा के बाहर धरना देगा। प्राप्त समाचार के अनुसार कनखल मनोहरपुरम कॉलोनी निवासी अनुज गर्ग की सिविल लाइंस रुड़की में मिठाई की दुकान है। पत्रकार वार्ता में कारोबारी ने बताया कि वर्ष 2008 में उनके परिवार ने भाजपा विधायक के साथ 50 प्रतिशत की साझेदारी में हरिद्वार में ज्वैलर्स शोरूम खोला था। परिवार का बंटवारा होने पर आधा हिस्सा उनके छोटे भाई अनुज के पास चला गया।

विधानसभा के सामने धरना देगा पीडि़त परिवार

छोटे भाई अनुज ने 60 लाख रुपये में अपना हिस्सा बेचने का प्रस्ताव विधायक के सामने रखा। आरोप है कि विधायक ने न तो भाई को रुपये ही लौटाये और न ही मेरे 25 फीसदी हिस्सेदारी का मुनाफा दिया। तीन साल से विधायक और उनका भाई कोई हिसाब किताब नहीं दे रहे हैं। रुपये मांगने पर विधायक और उनके भाई मुकेश कौशिक उन्हें धमकी दे रहे हैं। इसकी उन्होंने पुलिस से भी शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कारोबारी की पत्नी भारती गर्ग ने कहा कि विधायक के उत्पीड़न से परेशान होकर उनका परिवार बुधवार से विधानसभा सत्र के दौरान धरना देने को मजबूर होगा। कारोबारी अनुज गर्ग ने आरोप लगाया कि विधायक ने पार्टनरशिप की लिखापढ़ी में अपने भाई को आगे किया था। जबकि पूरा कारोबार वह खुद देखते हैं।

विधायक पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट के जरिये उन्हें धमकी दिलवाई है। कारोबारी और उनकी पत्नी अपने दो बच्चों पर जान का खतरा देखते हुए अपने माता-पिता को कनखल छोड़ने पर मजबूर हुए। जबकि वह खुद, पत्नी और बच्चों के साथ रुड़की में ही रहते हैं। पुलिस से न्याय न मिलने पर नोटिस के अलावा उन्होंने विधायक को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र लिखा है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

विधायक कहिन

कारोबारी की ओर से लगाए गए आरोपों के बारे में विधायक मदन कौशिक ने बताया कि यह आरोप बेबुनियाद और निराधार है। यह मुझे राजनीतिक तौर पर नुकसान पहुंचाने की साजिश है। कारोबारी पर मानहानि का दावा किया जाएगा। मेरा कारोबारी से कोई लेनादेना नहीं है। छोटे भाई के साथ उनकी पार्टनरशिप है। कारोबारी ने खुद धोखाधड़ी की हुई है। एक कमेटी इस मामले की जांच कर रही है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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