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डर के साये में भाजपा, सताने लगा फूट का डर

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उत्तराखंड में सियासी संकट, डर के साये में भाजपा, सताने लगा फूट का डर

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देहरादून। उत्तराखंड में सियासी संकट हर पल नई करवट ले रहा है। कांग्रेस के बागी विधायकों को गुड़गांव से जयपुर शिफ्ट करने के बाद अब भाजपा को अपने विधायकों की चिंता सताने लगी है। ऐसे में पार्टी में किसी भी फूट की आशंका को समाप्त करने के लिए बीजेपी आलाकमान हरसंभव कोशिश कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में सियासी संकट को देखते हुए भाजपा कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है। ऐसे में भाजपा विधायकों को दिल्ली से भी बाहर भेजा जा सकता है। ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि ये विधायक इस बार होली बाहर ही मनाएं।

दरअसल, कांग्रेस के आठ बागी विधायक इस वक्त जयपुर के पास एक फार्म हाउस पर आराम फरमा रहे हैं। जबकि पूर्व सीएम और बगावत का झंडा बुलंद करने वाले विजय बहुगुणा दिल्ली में ही अपने आवास पर हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली में रहकर बहुगुणा भाजपा के साथ मिलकर आगे की रणनीति को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। बताया गया कि पहले विधायक जयपुर में ही रुकने की सोच रहे थे, लेकिन मीडिया से बचने के लिए बागी विधायक जयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर एक फार्म हाउस पर वक्त गुजार रहे हैं। ये विधायक होली पर भी संभवतः उत्तराखंड से दूर ही रहेंगे। सूत्रों की माने तो सभी बागी विधायक 28 मार्च को ही देहरादून पहुंचेंगे।

कांगे्रस के नौ बागी विधायकों पर बड़ा सियासी खेल खेलना भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है, यह आशंका पार्टी के अंदरखाने कुछ गंभीर एवं परिवक्व नेता जताने लगे हैं। भाजपा के कैंप में रह रहे बागियों के नेता डाॅ. हरक सिंह रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को हटा दिया जाये तो वे आज भी कांगे्रसी हैं। भाजपा के कुछ नेता उनके इस बयान से कुछ परेशान भी दिखायी दे रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि यदि कांगे्रस हाईकमान हरीश रावत को हटा कर नेतृत्व किसी और के हाथ में देती है तो क्या बागी कांग्रेसी वापस कांगे्रस में शामिल हो जायेंगे। गौरतलब है कि 70 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 28, कांग्रेस के 36, बसपा के 2, उत्तराखंड क्रांति दल के 1 और निर्दलीय 3 विधायक है। इनमें से कांग्रेस के 9 विधायक बागी हो चुके हैं और रावत सरकार का समीकरण गड़बड़ा गया।

 

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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