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उत्तराखण्डः हाईकोर्ट पहुंची सत्ता की लड़ाई

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उत्‍तराखण्‍ड, हाईकोर्ट पहुंची सत्ता की लड़ाई, सीएम हरीश रावत ने नैनीताल में डाला डेरा, बागी विधायकों ने दायर की याचिका, कपिल सिब्बल करेंगे रावत की पैरवी

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उत्‍तराखण्‍ड, हाईकोर्ट पहुंची सत्ता की लड़ाई, सीएम हरीश रावत ने नैनीताल में डाला डेरा, बागी विधायकों ने दायर की याचिका, कपिल सिब्बल करेंगे रावत की पैरवी

सीएम हरीश रावत ने नैनीताल में डाला डेरा

बागी विधायकों ने दायर की याचिका

 

देहरादून। प्रदेश में सत्ता की लड़ाई अब नैनीताल हाईकोर्ट तक जा पहुंची है। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने दल-बदल कानून के तहत कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को नोटिस जारी किये हैं। इसके खिलाफ बागी विधायक नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गये हैं। बागी विधायकों द्वारा दायर की गई इस याचिका की सुनवाई जस्टिस सुधांशु धूलिया की अदालत में चल रही है। इस बीच सीएम हरीश रावत भी आज सुबह नैनीताल पहुंच गये। बताया जा रहा है कि वह  इस मामले में सलाह-मशवरा के लिए गये हैं। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल भी नैनीताल पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि वह सीएम रावत की ओर से केस पर जिरह करेंगे।

प्रख्यात अधिवक्ता कपिल सिब्बल करेंगे रावत की पैरवी

गौरतलब है कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को दल-बदल कानून के तहत नोटिस जारी किये गये हैं। इस मामले में कल तक विधायकों को जवाब दाखिल करने हैं। सीएम हरीश रावत का प्रयास है कि सभी नौ विधायकों की इस कानून के तहत सदस्यता रद्द कर दी जाए, यदि ऐसा होता है तो फिर रावत सरकार को संजीवनी मिल सकती है। हालांकि इस मामले में विधि विशेषज्ञों की भी अलग-अलग राय है। कुल मिलाकर सीएम रावत की कुर्सी का खेल रोमांचक स्थिति में पहुंच गया है। इस बीच राज्यपाल ने भी 28 मार्च को होने वाले विधानसभा की बैठक की वीडियो रिकार्डिंग तुंरत उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। यह भी अंदेशा है कि यदि राज्यपाल डा के के पाल को लगेगा कि कुछ गलत हो रहा है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है।

फीकी रही राजनीतिक होली

प्रदेश गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि देहरादून में राजनीतिक होली की रंगत फीकी रही। हालांकि सीएम रावत व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल होली पर कुछ समारोहों में नजर भी आए लेकिन उसमें भी अधिक रंगत नजर नहीं आई । कुंजवाल हर साल कुमाउंनी होनी पर ढोल की थाप के साथ जमकर नाचते थे, लेकिन इस बार उनके ठुमकों में वह बात नजर नहीं आ रही थी। भाजपाइयों के घरों पर भी होली का उत्साह नजर नहीं आया। यहां तक कि सांसदों के घरों पर भी अधिक भीड़ नहीं थी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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