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हेडली का खुलासा, घर पहुंचे थे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी

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पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, 26/11 मुंबई आतंकी हमला

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मुंबई| पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी और अब सरकारी गवाह बन चुके डेविड कोलमैन हेडली ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी 25 दिसंबर, 2008 को उसके पिता की मृत्यु के कुछ सप्ताह बाद शोक जताने उसके घर गए थे। हेडली ने हालांकि इससे इनकार किया कि गिलानी उसके पिता की अंत्येष्टि में शामिल हुए थे। लेकिन वह एक सप्ताह बाद उसके घर पहुंचे थे। हेडली के पिता सैयद सलीम गिलानी की 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के एक महीने बाद मृत्यु हो गई थी। वह पूर्व राजनयिक तथा रेडियो पाकिस्तान के महानिदेशक थे। हेडली ने विशेष न्यायाधीश जी.ए. सनाप की अदालत में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही पूछताछ में 26/11 आतंकवादी हमले के एक आरोपी जैबुद्दीन अंसारी ऊर्फ अबु जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान की ओर से की जा रही पूछताछ में यह बात कही।

26/11 आतंकी हमला मामले में हेडली बन चुका है सरकारी गवाह

हेडली ने न्यायाधीश को बताया कि उसके पिता की मृत्यु 25 दिसंबर, 2008 को हुई थी। तब उसके सौतेले भाई डेनियल गिलानी प्रधानमंत्री गिलानी के कार्यालय में जनसंपर्क अधिकारी थे। हेडली ने बताया कि उसके पिता को उसके लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने की जानकारी थी और इससे वह नाराज थे। यह पूछने पर कि क्या उसके सौतेले भाई डेनियल गिलानी को भी उसके आतंकवादी गिरोह से जुड़े होने की जानकारी थी, हेडली ने सिर्फ इतना कहा कि वह दूसरे शहर में रहता था। उसने हालांकि कहा कि उसके एक पाकिस्तानी मित्र सौलत राणा को यह पता था और वह उसकी मुंबई यात्रा के बारे में भी जानता था।

राणा का संबंध हालांकि लश्कर-ए-तैयबा से नहीं था। उसने हेडली को न लश्कर से संबंध रखने से मना किया और न ही इसके लिए प्रोत्साहित किया। उसने 26/11 हमले से पहले कभी हेडली के साथ पाकिस्तान की यात्रा भी नहीं की थी। हेडली ने कहा कि उसके पिता जाने-माने कवि और लेखक थे और उनकी मृत्यु के बाद डेनियल ने सार्वजनिक तौर पर हेडली से कोई संपर्क नहीं रहने की घोषणा की थी, जिसने लश्कर के कहने पर अपना नाम दाऊद गिलानी से बदलकर डेविड कोलमैन हेडली कर लिया था, ताकि वह भारत में आसानी से प्रवेश कर सके।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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