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नहीं छूट रहा हरीश रावत का कुर्सी मोह

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पूर्व सीएम हरीश रावत का कुर्सी पर अपना दावा बरकरार, विनियोग विधेयक 18 मार्च को सदन में पारित, पीडीएफ के सहारे फिर सरकार बनाने का दावा

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पूर्व सीएम हरीश रावत का कुर्सी पर अपना दावा बरकरार, विनियोग विधेयक 18 मार्च को सदन में पारित, पीडीएफ के सहारे फिर सरकार बनाने का दावा

पीडीएफ के सहारे फिर सरकार बनाने का दावा 

देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बावजूद पूर्व सीएम हरीश रावत ने कुर्सी पर अपना दावा बरकरार रखा है। रविवार रात को दोबारा सरकार बनाने का दावा करने के बाद सोमवार को रावत एक बार फिर राजभवन जा पहुंचे। राजभवन में उन्होंने राज्यपाल को सफाई दी कि विनियोग विधेयक 18 मार्च को सदन में पारित हो गया था जबकि भाजपा का कहना है कि बागी विधायकों व भाजपा विधायकों के समक्ष बिल पारित नहीं हुआ था। सीएम रावत इस बिल के पारित होने के दावे के साथ ही दोबारा अपने पास बहुमत होने का दावा कर रहे हैं।

रावत एक बार फिर पहुंचे राज्यपाल के द्वार, दावा किया विनियोग विधेयक हो गया था पास

सूत्रों के अनुसार रावत को उम्मीद है कि यदि नौ बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर सुप्रीम कोर्ट की भी मुहर लग जाती है तो फिर सदन में पीडीएफ के सहारे अपना बहुमत साबित कर देंगे। हालांकि बात यदि बसपा की हो तो बसपा अपना सुर बदल सकती है। बसपा के तीन विधायक अब भी हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायक किसी भी पाले में जा सकते हैं। कांग्रेस के साथ ले देकर उक्रांद विधायक प्रीतम सिंह पंवार और निर्दलीय विधायक मंत्री प्रसाद नैथानी ही रह सकते हैं। नैथानी के साथ सदन में बागी विधायक हरक सिंह रावत ने मारपीट भी की थी। ऐसे में हरीश रावत किस तरह से बहुमत होने का दावा कर रहे हैं, यह कहा नहीं जा सकता है। वैसे भी विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत स्टिंग में घिर चुके हैं। चंडीगढ़ की एक फारेंसिक लैब ने सीडी को सही पाया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या राज्यपाल हरीश रावत को एक बार फिर हॉर्स ट्रेडिंग की अनुमति देंगे।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी

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लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।

1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।

2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।

3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।

4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।

5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।

8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।

9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।

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