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आध्यात्म

हमारे जितने भी ध्यान हैं वो सब मायिक हैं

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kripalu ji maharaj

नारद जी ने अपने भक्ति सूत्र में लिखा कि भक्ति का फल- भक्ति। शंकराचार्य ने भी माना-

एवं कुर्वति भक्तिं कृष्‍णकथानुग्रहोत्‍पन्‍ ना।

समुदेति सूक्ष्‍मभक्तिर्यया हरिरन्‍तराविशति।।

(शंकराचार्य)

भक्ति करने से भक्ति मिलती है। यानी एक भक्ति की जाती है, एक भक्ति मिलती है-

ह्लादिनी शक्‍तेर परमसार तार प्रेम नाम।

ह्लादिनी शक्ति का सारभूत तत्‍त्‍व है प्रेम, भक्ति जिसके आधीन भगवान् होते हैं। ये हम लोग जो भक्ति करते हैं इसके आधीन भगवान् नहीं होते। हाँ! इस धोखे में न रहियेगा कि हम आँसू बहाते हैं, तो भगवान् मेरे अण्‍डर में क्‍यों नहीं होते? भक्‍तों के अण्‍डर में तो होते हैं। हम आँसू बहाते हैं, हम ध्‍यान करते हैं। वे सब मायिक हैं, मैटीरियल हैं। क्‍योंकि इसका कर्ता मन है, वो माया का पुत्र है।

तो हमारे जितने भी ध्‍यान हैं वो सब मायिक हैं। अरे हम भगवान् का रूप बनाते हैं या पत्‍थर की मूर्ति का ध्‍यान करते हैं, वो ऐसा थोड़े ही होता है भगवान्। ये तो हमारे मन की कल्‍पना है। देखो भगवान् की एक झलक देख कर परमहंस अपना ब्रह्मानन्‍द भूल जाता है। उस भगवान् का हम ध्‍यान कैसे करेंगे? हम तो ये जो भक्ति करते हैं, नवधा भक्ति। इससे अन्‍तःकरण शुद्ध होता है, बस। बर्तन शुद्ध हुआ। अब तो भक्ति आयेगी उसमें? नहीं नहीं, नहीं! अभी नहीं आयेगी। बर्तन शुद्ध होने से ही नहीं काम बनेगा। क्‍यों? अभी वो बर्तन ऐसा नहीं है कि उसमें दिव्‍य वस्‍तु डाली जाय। क्‍यों? दिव्‍य बर्तन होना चाहिये, दिव्‍य वस्‍तु के लिये।

वो जो भक्ति है न, भगवान् की शक्तिरूपा, जो गुरु कृपा से अन्‍तःकरण शुद्धि के बाद मिलती है, वो दिव्‍य मन में मिलती है। अब और मुसीबत आई। इतनी मेहनत से तो हमने मन को शुद्ध किया, रो रो कर के। अब आप कहते हैं अब भी नहीं काम बनेगा। हाँ। लेकिन आपका काम खतम, आपने अपना अन्‍तःकरण शुद्ध कर लिया। जी हाँ। अब आप कुछ मत कीजिये, न कुछ माँगिये।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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