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सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से अधिक गिरावट

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सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से अधिक गिरावट

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सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से अधिक गिरावट मुंबई| देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह करीब आधा फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.90 फीसदी यानी 231.52 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 25,606.62 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.63 फीसदी यानी 49.5 अंकों की गिरावट के साथ 7,849.80 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 8 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। टीसीएस (4.67 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.77 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (3.36 फीसदी), ल्युपिन (3.18 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.99 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे आईसीआईसीआई बैंक (6.09 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.48 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.41 फीसदी), एचडीएफसी (3.77 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (3.32 फीसदी)।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.22 फीसदी या 24.28 अंकों की तेजी के साथ 11,042.92 पर और स्मॉलकैप 0.53 फीसदी या 58.25 अंकों की गिरावट के साथ 11,020.59 पर बंद हुआ।

सोमवार 25 अप्रैल को जारी एक सरकारी बयान में कहा गया कि देश में वित्त वर्ष 2015-16 के प्रथम 11 महीनों में रिकार्ड 51 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ।

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक ने यहां बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, “अप्रैल से फरवरी 2015-16 में देश में रिकार्ड 51 अरब डॉलर से अधिक का एफडीआई आया है, जो अब तक का सर्वाधिक है।”

गुरुवार 28 अप्रैल को बैंक ऑफ जापान ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार नहीं बढ़ाने का फैसला किया। साथ ही उसने अपनी प्रमुख दरों में भी कटौती नहीं की। बाजार को उम्मीद थी कि वह अपनी राहत योजना का आकार बढ़ाएगा और प्रमुख ब्याज दर में कटौती करेगा।

मंगलवार और बुधवार को अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने दो दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों को फिलहाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया। फेड ने यह भी स्पष्ट संकेत नहीं दिया कि अगली बार वह प्रमुख दरों में कब वृद्धि कर सकता है।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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