उत्तराखंड
आग और धुंए के कारण लौटने लगे सैलानी
आग बुझाने के लिए बारिश का इंतजार
देहरादून/हरिद्वार। पूरा उत्तराखंड जंगल की आग से दहक रहा है। प्रदेश के सभी 13 जिले रविवार को आग की चपेट में आ गए। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से शनिवार तक हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जंगल की आग से बचे हुए थे। बीते 24 घंटे में आग 136 जगह और लग गई। जिससे यहां आए सैलानियों को धुएं की वजह से हिमालय की चोटी दिखना बंद हो गई। ऐसे में सैलानी लौटने लगे हैं। सरकारी आंकड़ों में आग से क्षति लाखों में दिखाई जा रही है, लेकिन हकीकत में आग ने बड़ा नुकसान किया है। वन संपदा और वन्य जीवों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है।
जंगल में आग की घटनाओं के थमने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में एक भी घटना दर्ज नहीं हुई थी, लेकिन रविवार को ऊधम सिंह नगर में सात और हरिद्वार में आग की 40 घटनाएं दर्ज की गई। शासन, प्रशासन और वन विभाग में संसाधनों और मैन पावर की कमी होने से आग पर काबू पाने में दिक्कत आ रही है। जलस्रोत सूखे हुए हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए शासन और वन विभाग बारिश की बाट जोह रहा है। राज्यपाल डा. केके पाल ने स्वयं स्थिति की मानीटरिंग शुरू कर दी है। सभी जिलों के डीएम को आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं। रविवार को राज्यपाल ने सलाहकारों के साथ बैठक की और आग से पहुंची क्षति की समीक्षा के निर्देश दिए। एनडीआरएएफ, एसडीआरएफ, वन विभाग की टीमों के साथ सेना भी जंगल की आग बुझाने में लगी है।
वन कर्मियों की छुट्टियां निरस्त
वायु सेना के हेलीकाप्टरों के साथ केंद्र सरकार का भेजा हुआ हेलीकाप्टर एमआई-17 भी बचाव कार्य में जुट गया है। वनों में आवश्यक आर्द्रता बनाए रखने के लिए जलाशयों में पानी की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार से मदद के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में घूमने आए सैलानियों को जंगल की आग की वजह से दिक्कत हो रही है। चारों तरफ धुआं भरा होने की वजह से लोग हिमालय की चोटी नहीं देख पा रहे हैं। आग की वजह से सैलानियों ने लौटना शुरू कर दिया है। आग के कारणों की पड़ताल और रोकथाम के उपाय के लिए रविवार को केंद्र से पहुंचे विशेष दल ने प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया। मुख्य सचिव के मुताबिक केंद्रीय दल ने मिट्टी की नमी को बचाए रखने के लिए जल संग्रहण आदि के उपाय करने और फायर लाइन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए सुझाव दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कारण एक निर्धारित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ों को काटकर फायर लाइन नहीं बनाई जा सकती। इसके लिए अब सर्वोच्च न्यायालय से इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया जाएगा। वहीं जंगल में लग रही आग और दिनोंदिन बढ़ रहे तापमान के कारण पानी के लिए भटक रहे वन्यजीवों की रक्षा के लिए हरिद्वार के डीएफओ एचके सिंह ने रविवार शाम डिवीजन कार्यालय में रेंजरों की आपात बैठक बुलाकर सभी वन कर्मियों की छुट्टी निरस्त कर दी गई। डीएफओ एचके सिंह ने सभी रेंजरों को आदेश दिए कि वे अपनी रेंज में गश्त को तेज करें, दिन के साथ रात में गश्त की जाए। आग बुझाने के लिए 148 वनकर्मियों को लगाया गया है। साथ ही उन्होंने रेंज में वाटर होलों पर पानी भरने के निर्देश दिए। डीएफओ ने कहा कि बाजार से किराए के टैंकरों से वाटर होलों में पानी भरा जाए। किसी क्षेत्र में यदि वाटर होलों के खाली होने की सूचना आती है तो इसमें रेंजर की जवाबदेही तय होगी। जो भी रेंजर लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ ने हरिद्वार और पथरी वन रेंज का निरीक्षण भी किया। अगले आदेशों तक सभी वन कर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है।
उत्तराखंड
केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद
देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।
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