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झारखंड के जनादेश का बिहार में भी प्रभाव!

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पटना| झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन की जीत पर जनता दल (युनाइटेड) नेता बेशक इसकी वजह भाजपा की हवा नहीं, बल्कि विपक्षी दलों का एकजुट न होना करार दे रहे हों, लेकिन इतना तय है कि पड़ोसी राज्य झारखंड के जनादेश का बिहार में भी असर पड़ेगा।

ऐसे में भाजपा जहां ऊंचे मनोबल के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी, वहीं भाजपा विरोधी मतों के बिखराव को रोकने के लिए नीतीश और लालू किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार होंगे।

झारखंड में भाजपा को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई, जबकि 2009 में यह संख्या सिर्फ 18 थी, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जद (यू) का झारखंड से सूपड़ा साफ हो गया है, वहीं कांग्रेस को छह सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।

साल 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में जद (यू) को दो, राजद को पांच और कांग्रेस को 14 सीटें मिली थीं। झारखंड के गठन के बाद ऐसा कोई भी विधानसभा चुनाव नहीं था, जिसमें राजद व जद (यू) दोनों दलों का खाता न खुला हो।

इस विधानसभा चुनाव में जद (यू) ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जबकि 10 सीटों पर इसके प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाए।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा को मिली सीटें कम नजर आ रही हैं। नीतीश कहते हैं, “भाजपा को उम्मीद से कम सफलता मिली है। विपक्ष में बिखराव के कारण भाजपा को वहां सभी सीटें जीतनी चाहिए थीं।”

इधर, बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी कहते हैं कि बिहार की तरह झारखंड में भी विपक्षी पार्टियों के बीच गठबंधन हुआ होता तो भाजपा आधी सीटों पर सिमट जाती।

इन बयानों से यह साफ झलकता है कि बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधी मतों के बिखराव को रोकने के लिए गठबंधन के भरपूर प्रयास किए जाएंगे।

इधर, राजनीतिक विश्लेषक भी यह मानते हैं कि झारखंड चुनाव के परिणाम का प्रभाव बिहार में पड़ना तय है।

राजनीतिक विश्लेषक सुरेन्द्र किशोर ने कहा, “झारखंड चुनाव परिणाम का असर दो तरीके से देखा जा सकता है। भाजपा जहां ऊंचे मनोबल के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी, वहीं भाजपा विरोधी मतों के बिखराव को रोकने के लिए नीतीश और लालू किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार होंगे। यही कारण है कि यहां भाजपा गठबंधन के अलावा जितने दल होंगे, वे एक गठबंधन के तहत उतरेंगे और टक्कर कांटे की होगी।”

किशोर का मानना है कि भाजपा के अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद का वोट बैंक तैयार हुआ है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। यही नहीं आमतौर पर देखा जाता है कि मतदाता विकास को लेकर उसी दल को वोट देते हैं, जिनकी सरकार केन्द्र में होती है। वैसे अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह तय है कि झारखंड चुनाव के परिणाम का असर बिहार चुनाव में भी दिखेगा।

इधर, राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद राम जीवन सिंह भी मानते हैं कि भाजपा के विरोधी मतों के बिखराव को रोकने के लिए विपक्षियों के पास गठबंधन के अलावा कोई और उपाय नहीं है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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