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आध्यात्म

राधाकृष्‍ण के अतिरिक्‍त कोई शक्तिमान नहीं है

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kripalu ji maharajसारांश यह है कि ‘एकमेवाद्वितीयं ब्रह्म’ (छान्‍दो. 6-2-1-) इस श्र ुति के अनुसार राधाकृष्‍ण के अतिरिक्‍त कोई शक्ति, या शक्तिमान नहीं है।

राधाकृष्‍ण एक आत्‍मा दुई देहधरि,

अन्‍योन्‍य विलसे रस आस्‍वादन करि (चै. च.)

अस्‍तु महाभावरूपा महाशक्ति राधा एवं सर्वशक्तिमान् भगवान् श्रीकृष्‍ण एक ही हैं। शेष सब इन्‍हीं में अंतर्निहित हैं।

राधे राधे राधे राधे राधे राधे

शक्तिमान की शक्तियाँ, अगनित यदपि बखान।

तिन महँ ‘माया, ‘जीव, अरु ‘परा, त्रिशक्ति प्रधान।।3।।

भावार्थ- शक्तिमान भगवान् श्रीकृष्‍ण की शक्तियाँ तो अनन्‍त हैं, किंतु उनमें जीव तथा माया एवं परा प्रमुख हैं।

व्‍याख्‍या- गीता में श्रीकृष्‍ण ने बताया है। यथा-

भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च।

अहंकार इतीयं मे भिन्‍ना प्रकृतिरष्‍टधा।।

(गीता 7-4)

अपरेयमितस्‍त्‍वन्‍यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् ।

जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ।।

(गीता 7-5)

अर्थात् पृथिवी, जल, तेज, वायु, आकाश, अहंकार, मन, बुद्धि यह अष्‍टविधा अपरा प्रकृति माया है। दूसरी परा प्रकृति जीव है। इन दोनों के नियामक शासक प्रेरक श्रीकृष्‍ण हैं वेद कहता है। यथा-

क्षरात्‍मानावीशते देव एकः।

(श्‍वेता. 1-10)

यही कारण है कि कुछ दार्शनिक शक्ति (जीव, माया, परा) एवं शक्मिान् की अभिन्‍ नता मानते हुए एक ही तत्‍व मानते हैं। किंतु मायिक शक्तियाँ जड़ हैं। जबकि पराशक्ति चेतन है उसी पराशक्ति का परात्‍परा स्‍वरूप राधा हैं। यह सदा ध्‍यान रहे कि समस्‍त शक्तियाँ श्रीकृष्‍ण के परतंत्र हैं। केवल श्रीकृष्‍ण के संकल्‍प से ही चेतन बन कर अपना अपना कार्य करती हैं। जीव तटस्‍थ है। क्‍योंकि य‍ह स्‍वरूप शक्ति के अन्‍तर्भुक्‍त भी नहीं है एवं जड़ माया के भी अन्‍तभुक्‍त नहीं है।

राधे राधे राधे राधे राधे राधे

जीव तटस्‍था शक्ति पर, माया कर अधिकार।

वस्‍तुतस्‍तु यह दास है, स्‍वामी नंदकुमार।।4।।

भावार्थ- जीव-शक्ति, तटस्‍थ-शक्ति है। किंतु अनादिकाल से गुणमयी जड़ माया का अधिकार है। जबकि जीव का वास्‍तविक स्‍वरूप अपने अंशी शरण्‍य श्‍यामसुन्‍दर की दासता ही है।

व्‍याख्‍या- यह जीव शक्ति, स्‍वरूप शक्ति एवं जड़माया शक्ति दोनों के ही अन्‍तर्भुक्‍त नहीं है। जीव तो जीवशक्ति विशिष्‍ट श्रीकृष्‍ण का अंश है। अतः गीता कहती है। यथा-

 

ममैवांशो जीवलोके जीवभूतः सनातनः। (गीता 15-7)

उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

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