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बिजनेस

रिलायंस बेचेगी गल्फ अफ्रीका पेट्रोलियम में अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी

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reliance_industriesमुंबई | रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को कहा कि मॉरीशस की कंपनी गल्फ अफ्रीका पेट्रोलियम कारपोरेशन (गापको) में अपनी सहायक कंपनी की संपूर्ण 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए उसने ‘टोटल’ के साथ एक समझौता किया है। शेयर बाजारों को दी गई नियामकीय सूचना में कंपनी ने यह नहीं बताया कि यह बिक्री कितने में होगी।

कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “रिलायंस एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शंस (आरईपीडीएमसीसी) का गापको में अपनी हिस्सेदारी बेचने का समझौता एक संयुक्त समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत आरईपीडीएमसीसी और अल्पमत हिस्सेदार दोनों ने गापको में अपनी-अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी बेच डालने का फैसला किया है।” बयान के मुताबिक, “बिक्री से होने वाली आय सौदा पूरा होने पर तय की जाएगी, जिसके आने वाले महीनों में पूरा हो जाने का अनुमान है।”

गापको एक होल्डिंग कंपनी है, जिसकी सहायक कंपनियां तंजानिया, केन्या और उगांडा में हैं। यह पूर्वी अफ्रीका में पेट्रोलियम उत्पादों का आयात, व्यापार, भंडारण, वितरण, विपणन, आपूर्ति और परिवहन का कारोबार करती है। एक अलग बयान में टोटल के अध्यक्ष मोमार नगुएर ने कहा, “यह अधिग्रहण अफ्रीका में पेट्रोलियम उत्पादों के वितरण के लिए टोटल की विकास संबंधी रणनीति के अनुरूप है, जिसका मकसद लाभ में रहते हुए तीव्र विकास क्षेत्रों में प्रसार करना है।”

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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