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आरबीआई की प्रमुख ब्याज दरों में बदलाव नहीं

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भारतीय रिजर्व बैंक, प्रमुख ब्याज दरों में बदलाव नहीं, गवर्नर रघुराम राजन, दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा

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भारतीय रिजर्व बैंक, प्रमुख ब्याज दरों में बदलाव नहीं, गवर्नर रघुराम राजन, दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा

raghuram rajan

मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को अनुमान के मुताबिक अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों और आरक्षित अनुपात को पुराने स्तर पर बरकरार रखा। दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने 2016-17 की दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में की। राजन ने कहा, “अप्रैल महीने में मिले महंगाई दर के झटके से भविष्य में महंगाई दर का अनुमान थोड़ा अनिश्चित हो गया।” आरबीआई ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को भी 7.6 फीसदी पर बरकरार रखा।

राजन ने फिर एक बार वाणिज्यिक बैंकों को पिछली कटौतियों का लाभ आम ग्राहकों तक स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में सरकार द्वारा किए गए सुधारों और आरबीआई द्वारा वाणिज्यिक ऋण दरों की समीक्षा से भी ब्याज दर घटनी चाहिए। प्रथम द्विमाही समीक्षा में पांच अप्रैल को आरबीआई ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.75 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया था। रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अल्पावधि के लिए रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं।

इसके साथ ही प्रथम समीक्षा में रिवर्स रेपो दर को 5.75 फीसदी से बढ़ाकर छह फीसदी कर दिया गया था। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों से अल्पावधि के लिए ली जाने वाली राशि पर ब्याज देता है। आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को भी पूर्व स्तर क्रमश: चार फीसदी और 21.25 फीसदी पर बरकरार रखा। सीआरआर वाणिज्यिक बैंकों की नकदी का वह अनुपात है, जो उन्हें आरबीआई में अनिवार्य तौर पर रखना होता है। वहीं एसएलआर वह आनुपातिक राशि है, जो वाणिज्यिक बैंकों को निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में निवेश करनी होती है।

राजन ने कच्चे तेल मूल्य और अन्य कमोडिटी कीमतों में वृद्धि के रुझानों, सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की रपट के कार्यान्वयन, महंगाई बढ़ने की संभावना और समग्र मूल्य संभावना जैसे जोखिमों का उल्लेख करते हुए दरों को जस का तस रखने की घोषणा की। आरबीआई की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए मूडीज इनवेस्टर सर्विस में सॉवरेन रिस्क ग्रुप के लिए वरिष्ठ उपाध्यक्ष मारी डिरॉन ने कहा कि निकट भविष्य में मौद्रिक नीति में विशेष बदलाव की उम्मीद नहीं है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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