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वियना बैठकः भारत की सदस्यता पर नहीं हुआ कोई फैसला

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परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, भारत की सदस्यता, वियना में 42 सदस्य देशों की बैठक, चीन का विरोध, एनएसजी का पूर्ण अधिवेशन, भारत को अमेरिकी समर्थन

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परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, भारत की सदस्यता, वियना में 42 सदस्य देशों की बैठक, चीन का विरोध, एनएसजी का पूर्ण अधिवेशन, भारत को अमेरिकी समर्थन

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एक भी देश का विरोध अटका सकता है राह में रोड़े

वियना। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर वियना में हुई 42 सदस्य देशों की बैठक बेनतीजा रही। अब दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में इस महीने के अंत में होने वाले एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में इस पर विचार किए जाने की संभावना है। एनएसजी आम राय के आधार पर काम करती है और भारत के खिलाफ किसी एक देश का वोट भी उसकी दावेदारी में रोड़े अटका सकता है।

भारत की सदस्यता का चीन शुरू से कर रहा है विरोध

इससे पहले अमेरिकी समर्थन से मिले बल के बीच एनएसजी की सदस्यता के भारत के दावे को ज्यादातर सदस्य देशों से सकारात्मक संकेत मिले थे, लेकिन चीन इसके विरोध पर अड़ा था। चीन, भारत की सदस्यता का विरोध करने वाले देशों की अगुआई कर रहा था, वहीं तुर्की, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया चीनी रुख के साथ थे।

चीन एनपीटी पर हस्‍ताक्षर न करने को बना रहा है ढाल

चीन हमेशा से एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करता रहा है। वियना में हुई बैठक में चीन ने सीधे तौर पर तो भारत की सदस्यता का विरोध नहीं किया, लेकिन इसे एनपीटी पर दस्तखत न करने से जोड़ा।

चीन की दलील है कि सिर्फ परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत करने वाले देशों को ही इसमें एनएसजी की सदस्यता मिलनी चाहिए। चीन का यह भी कहना है कि यदि किसी तरह की रियायत देकर भारत को एनएसजी की सदस्यता दी जाती है तो पाकिस्तान को भी इस संगठन की सदस्यता दी जानी चाहिए।

दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पत्र लिखकर एनएसजी के सदस्य देशों से अपील की है कि इस महीने के अंत में जब सियोल में एनएसजी की बैठक हो तो उन्हें भारत को शामिल करने पर आम राय कायम करने में बाधा न डालने पर सहमत होना चाहिए। गौरतलब है कि एनएसजी आम राय के आधार पर काम करती है और भारत के खिलाफ किसी एक देश का वोट भी उसकी दावेदारी में रोड़े अटका सकता है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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