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बिजनेस

रूस अगले साल तेल उत्पादन घटाएगा

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मॉस्को| वैश्विक तेल मूल्य घटने और तेल क्षेत्र में निवेश कम होने के कारण रूस अगले वर्ष तेल उत्पादन घटाएगा। यह जानकारी उप प्रधानमंत्री अर्कदी दवोर्कोविच ने गुरुवार को दी। दवोर्कोविच ने रूसी टेलीविजन चैनल रोसिया-24 से कहा कि निरुत्साहपूर्ण स्थिति को देखते हुए अगले दो-तीन साल में रूस का तेल उत्पादन 10 फीसदी तक कम हो सकता है, जिससे वैश्विक तेल बाजार पर कोई गंभीर असर नहीं होगा।

उन्होंने अनुमान जताया कि तेल मूल्य या तो वर्तमान स्तर पर बरकरार रहेगा या कुछ और महीने तक इसमें कुछ और गिरावट आएगी और उसके बाद यह बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल स्तर पर आ जाएगा।

उन्होंने कहा कहा कि रूस और यूरोपीय संघ में आर्थिक विकास दर कम रहने और अमेरिका तथा तेल उत्पादक देशों के संगठन (ओपेक) में तेल उत्पादन में वृद्धि के कारण तेल की मांग घटी है।

दिसंबर के शुरू में रूसी आर्थिक विकास मंत्रालय ने अगले वर्ष के लिए तेल निर्यात के अनुमान को 2.19 फीसदी घटाकर 22.25 करोड़ टन या 1.63 अरब बैरल कर दिया था।

रूस का गैस निर्यात भी 1.8 फीसदी कम यानी 186.6 अरब घन मीटर रहने का अनुमान है, जबकि उत्पादन 655 घन मीटर रहने का अनुमान है।

रूस की अर्थव्यवस्था तेल पर निर्भर है और तेल मूल्य में गिरावट के साथ रूस की मुद्रा रूबल के अवमूल्यन के दोहरे असर से रूसी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।

बुधवार को फरवरी आपूर्ति के लिए लाइट, स्वीट क्रूड की कीमत न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज में 1.28 डॉलर घटकर 55.84 डॉलर प्रति बैरल रह गई, जबकि फरवरी आपूर्ति के लिए ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.45 डॉलर घटकर 60.24 डॉलर प्रति बैरल रह गई।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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