उत्तराखंड
बदले मौसम के साथ दून में बारिश की तेज फुहारें
देहरादून। प्रदेश में मानसून आने में भले ही अभी कुछ समय बचा हो, लेकिन आज सुबह चटख धूप के बाद राजधानी देहरादून में काले बादल छा गए और अंधेरा हो गया। अचानक बदले मौसम में तेज हवा के साथ झमाझम बारिश हुई जिससे गर्मी और उमस से लोगों को राहत महसूस हुई।
वहीं चमोली में रात भर बारिश से बदरीनाथ हाईवे बलदौड़ा-गोविन्दघाट के पास बन्द हो गया, इससे दो हजार से अधिक तीर्थयात्री रास्ते में ही फंसे हुए हैं। रविवार को ही मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कुमाऊं में विशेषकर भारी बारिश के आसार जताए थे। साथ ही प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई थी।
बदले मौसम में बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट आयी। प्रदेशभर में कई जगहों पर हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। रविवार को भी राजधानी के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई। राजधानी में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार को प्रदेश में खासतौर से कुमाऊं क्षेत्र में आगामी 72 घंटे भारी बारिश के आसार हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश होगी। राजधानी में भी बादल छाए रहेंगे, बारिश भी हो सकती है।
मौसम विभाग ने इसके साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों पर भी सतर्कता बरतने की सलाह दी है। विभाग के मुताबिक आगामी दो दिन केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब के मार्गों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। लिहाजा, तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वह सतर्कता बरतें और बारिश से बचने का इंतजाम करके ही यात्रा पर जाएं।
उत्तराखंड
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लैंड जिहाद के खिलाफ अपनाया सख्त रुख
देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी लैंड जिहाद के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं। इसके साथ ही धर्मांतरण को लेकर भी सीएम धामी सख्त कानून बना कर इसका पूर्णत: पालन करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि धर्मांतरण को लेकर उनकी सरकार ने सख्त कानून बनाया है। इस कानून का सख्ती से पालन करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। प्रदेश में किसी तरह का दंगा न हो, कोई आगजनी की घटना न हो, सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचाए इसको देखते हुए दंगारोधी कानून बना दिया है।
उत्तराखंड में वर्ष 2023 में लैंड जिहाद को लेकर व्यापक अभियान छेड़ा गया था। वन भूमि पर बनी मजारों के खिलाफ अभियान चलाते हुए जमीनों को मुक्त कराया गया। लैंड जिहाद के नाम पर वन भूमि और सरकारी भूमि पर बनी मजारों और मस्जिदों को हटा कर जमीनों को अतिक्रमणमुक्त कराया गया। हालांकि, कई स्थानों पर सरकारी तंत्र को विरोध का सामना भी करना पड़ा, लेकिन सीएम धामी के सख्त आदेशों के चलते सरकारी जमीनों को अतिक्रमणमुक्त कराने में पूरा अमला जुटा रहा। इस दौरान पांच हजार एकड़ से भी अधिक सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया गया।
सोशल मीडिया मजार बनाने का वीडियो वायरल होते ही शासन-प्रशासन हरकत में आ गया और सीएम धामी के निर्देशों का पालन करते हुए डीएम सविन बंसल तत्काल एक्शन लेते हुए इस मजार को ध्वस्त करवा दिया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मजार बनाने के लिए अनुमति किसने दी थी।
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