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उत्तराखंड

90 फीट लम्बी दरार से ग्रामीणों में दहशत, घर छोड़ने को हुए मजबूर

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देहरादून, ऊखीमठ क्षेत्र, 90 फीट लम्बी दरार, आवासीय और व्यावसायिक भवन खतरे की जद में

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देहरादून, ऊखीमठ क्षेत्र, 90 फीट लम्बी दरार, आवासीय और व्यावसायिक भवन खतरे की जद में

Land Cracked in Ukhimath

देहरादून। ऊखीमठ क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश से मुख्य बाजार से लेकर गांधी नगर कस्बे के बीच करीब 90 फीट लम्बी दरार पड़ने से कई आवासीय भवन और व्यावसायिक भवन खतरे की जद मे आ गए हैं। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने तहसील प्रशासन से उचित इंतजाम करने की मांग की है। वहीं जिलाधिकारी ने एक सर्वेक्षण टीम को सर्वें के लिए क्षेत्र में भेज दिया है।

दरसल, करीब डेढ़ घटें की मूसलाधार बारिश से तहसील कार्यालय के सामने से लेकर गांधीनगर कस्बे तक 90 फीट लम्बी दरार पड़ने से दो दर्जन से भी ज्यादा आवासीय मकान खतरे की चपेट में आ गए हैं।

ग्रामीणों का कहना है, कि दरार बढ़ती जा रही हैं, कई लोगों ने तो घर खाली कर दिये हैं लेकिन जिनके पास कुछ नहीं है और जो किराये पर घर नहीं ले सकते वे लोग आज भी उन्ही घरों में रात काटने को मजबूर हैं, जमीन लगातार धंस रही है।

पहले भी जिला प्रशासन ने सर्वें किया था और लोगों को आश्वासन दिया था कि उचित इंतजाम किए जाएंगे लेकिन 2012 से अब तक कोई इंतजाम नहीं किया गया। लोग आज भी सरकार की राह देख रहे हैं।

जिलाधिकारी ने तहसीलदार को निर्देशित किया कि उक्त स्थान का निरीक्षण कर तुरन्त रिपोर्ट पेश करें। इस पर तहसीलदार का कहना है कि 90 से लेकर 100 फीट लम्बी यानि 35 मीटर लम्बी दरार पड़ी हुई है। जिनमें लगभग 20 से 25 आवास काफी खतरे में है। सुरक्षा दीवार बनाने की बात कही गई है और अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है।

इस खतरे की जद में ऊखीमठ की जनता आज से नहीं विगत कई वर्षों से है पर अभी तक प्रशासन नजर फिराए क्यों बैठा है? जबकि रिपोर्ट पहले भी तैयार हुई थी पर नतीजा शून्य निकला। क्या प्रशासन किसी बड़े खतरे की इंतजार में है। क्यों इस दरार का कोई सही से इंतजाम नहीं किया जा रहा है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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