उत्तराखंड
208 पेटी अवैध शराब बरामद, कीमत 10 लाख रुपये
श्रीनगर (गढ़वाल)। श्रीनगर गढ़वाल के निकट मलेथा तिराहे पर एसटीएफ और कीर्तिनगर पुलिस ने संयुक्त चैकिंग के दौरान सोनीपत से कर्णप्रयाग ले जायी जा रही 10 लाख रुपये कीमत की 208 पेटी अवैध शराब पकड़ी है। ट्रक और सेंट्रो कार में शराब के जखीरे को ले जा रहे तीन लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 208 पेटियों में मौजूद 2496 शराब की बोतलों में से अधिकांश को ट्रक में बनाये गए गुप्त केबिन में छुपाकर रखा गया था।
चालक कक्ष और ट्रक की बॉडी के बीच में बनाये गए गुप्त केबिन को इस तरह बनाया गया था कि बाहर से या अंदर जाकर किसी को भी इसका पता न चले। एक मुखबिर की सूचना पर ट्रक को रोकने पर जब पुलिस द्वारा उसे खोला गया तो वो खाली मिला।
खाली ट्रक के अंदर लगे पेंचों को जब खोला गया तो उसमें एक गुप्त केबिन मिला जिसमें शराब का जखीरा पुलिस ने बरामद किया। टाटा 1109 मॉडल ट्रक में 190 पेटी तो सेंट्रो कार से 18 पेटी शराब बरामद की गई। बरामद शराब नैना प्रीमियम ब्रांड की है और हरियाणा स्थित डिस्टलरी में निर्मित की गई है।
खास बात यह है कि पकड़ी गई शराब केवल अरुणाचल प्रदेश में ही बेची जा सकती है किसी अन्य राज्य में नहीं। पुलिस द्वारा शराब के जखीरे के साथ पकड़े गए लोगों में देहरादून निवासी अनिल कुमार, यूपी स्थित शामली का कैराना निवासी सना उर्फ राजा और मुजफ्फरनगर निवासी निसार अहमद शामिल हैं। पुलिस तीनों गिरफ्तार अभियुक्तों को कल कोर्ट में पेश करेगी।
तीनों अभियुक्तों समेत शराब के जखीरे को पकड़ने वाले दल में एसटीएफ के उपनिरीक्षक आशुतोष राणा, हैड कांस्टेबल देवेन्द्र भारती, कांस्टेबल बिजेन्द्र चैहान, संतोष कुमार और दीपक शामिल हैं, जबकि कीर्तिनगर कोतवाली पुलिस के उपनिरीक्षक मदन सिंह बिष्ट, कांस्टेबल पिंटू दास और विकास नेगी भी इनमें शामिल थे।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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