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मुख्य समाचार

मजीठिया से ईडी ने 4 घंटे पूछताछ की

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जालंधर| प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से कृत्रिम नशीले पदार्थो के अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के संबंध में चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। इस गिरोह का भंडाफोड़ पिछले साल हुआ था। मजीठिया, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के छोटे भाई हैं। उनपर उन अनिवासी भारतीयों के साथ संबंध होने के आरोप हैं, जो मादक पदार्थो से संबंधित धन की हेराफेरी के मामले में आरोपी हैं। मजीठिया सुबह लगभग 10.30 बजे जालंधर स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे और वहां लगभग चार घंटे से अधिक समय तक कार्यालय के अंदर बने रहे।

जालंधर पुलिस ने भाजपा की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कई कार्यकर्ताओं की पिटाई की, जो मजीठिया के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए ईडी कार्यालय के पास जमा हुए थे। ईडी सूत्रों के अनुसार, मजीठिया से खास अनिवासी भारतीयों से संबंधों के लिए पूछताछ की गई। ईडी द्वारा की गई इस मामले की जांच पर आधारित कई सवाल मजीठिया से पूछे गए। पूछताछ के बाद बाहर निकले मजीठिया ने मीडिया से कहा, “मैं चाहता हूं कि सच सामने आए। मैं किसी भी एजेंसी को सहयोग देने के लिए तैयार हूं ताकि वे इसके तह तक पहुंच सकें।” प्रवर्तन निदेशालय केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन है। निदेशाला ने राज्य के राजस्व मंत्री मजीठिया को 26 दिसंबर को उपस्थित होने के लिए सम्मन भेजा था।

पंजाब पुलिस ने 2013 में 6,000 करोड़ रुपये के कृत्रिम मादक पदार्थो के अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था। निदेशालय ने इससे धन की हेराफेरी का गंभीर मामला जुड़े होने पर इसकी अलग से जांच शुरू की थी। मजीठिया का नाम इस मामले में तब सामने आया, जब मादक पदार्थ तस्करी गिरोह मामले के मुख्य आरोपी जगदीश सिंह भोला ने आरोप लगाया कि मजीठिया इस गिरोह से जुड़े हुए हैं। भोला पूर्व पुलिस अधिकारी है। मजीठिया पंजाब के उप मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले हैं। सुखबीर के साथ उनकी नजदीकी के कारण उन्हें पंजाब सरकार में कद्दावर नेता माना जाता है।

निदेशालय की तरफ से सम्मन भेजे जाने के कारण उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। सुखबीर ने हालांकि, मजीठिया के इस्तीफे से इंकार किया है। साल 2007 से ही राज्य में अकाली दल सरकार में सहयोगी भाजपा ने इस मुद्दे पर बादल सरकार का साथ छोड़ दिया है और उसने मजीठिया के इस्तीफे की मांग की है, जिसके कारण अकाली दल के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई है। मजीठिया को भेजा गया सम्मन बादल के लिए शर्मनाक स्थिति है क्योंकि केंद्र में मौजूद भाजपा नीत सरकार में हरसिमरत अकाली दल का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। मजीठिया का नाम पिछले साल से ही इस रैकेट में आ रहा है, जब कांग्रेस नीत संप्रग सरकार केंद्र में थी, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने सम्मन अब भेजा है। विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भी मजीठिया से तत्काल इस्तीफा मांगा है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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