प्रादेशिक
कश्मीर में कर्फ्यू जारी, जनजीवन प्रभावित
श्रीनगर| कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा बंद के मद्देनजर गुरुवार को लगातार 13वें दिन भी कर्फ्यू जारी है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित है। अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और यासिन मलिक ने बुधवार को बंद की अवधि बढ़नो का आह्वान किया। इसके बाद अब घाटी में सोमवार तक बंद रहेगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हिंसा से बचने के लिए घाटी के अधिकांश हिस्सों में आज (गुरुवार) कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।”
राज्य सरकार ने हालांकि चार जिलों गांदेरबल, बडगाम, बांदीपोरा और बारामूला में स्कूल खोलने का फैसला किया है।
एक अधिकारी ने बताया, “कर्फ्यू के दौरान शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों को कार्यस्थलों तक जाने के लिए उनके पहचान पत्रों को कर्फ्यू पास की तरह समझा जाएगा।”
गौरतलब है कि घाटी में पांच दिनों तक स्थानीय समाचार पत्रों और अंग्रेजी के समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद रहने के बाद गुरुवार यह कुछ शर्तो के साथ शुरू हो गया।
समाचार पत्र के संपादकों ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक के बाद समाचार पत्रों का प्रकाशन शुरू करने का फैसला किया। महबूबा ने प्रशासन द्वारा समाचार पत्रों के प्रकाशन पर प्रतिबंध के फैसले पर खेद जताया।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में किसी भी स्थान पर भीड़ द्वारा पथराव की कोई बड़ी घटनाएं नहीं हुई।
नेशनल कांफ्रेस पार्टी ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। महूबबा ने इस तनाव को समाप्त करने के लिए चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और कश्मीर मामलों के प्रभारी राम माधव, महबूबा के साथ घाटी में स्थिति पर चर्चा के लिए यहां पहुंच गए हैं।
हिजबुल कमांडर बुरहान वानी और उसके दो सहयोगियों की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही यहां हिसा का माहौल है। इसमें 45 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 43 नागरिक और दो पुलिसकर्मी हैं।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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