Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बिहार में नदियां उफान पर, कटाव से बढ़ी चिंता

Published

on

बिहार में नदियां उफान पर, कटाव से बढ़ी चिंता

Loading

बिहार में नदियां उफान पर, कटाव से बढ़ी चिंतापटना| बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण बिहार की कई प्रमुख नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के समस्तीपुर, मधुबनी, सुपौल और अररिया के गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जबकि गोपलगंज और मधेपुरा में कटाव तेज होने के कारण लोगों में भय है।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। वीरपुर बैराज में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.82 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकीनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 1.69 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया।

इसी तरह इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

प्रसाद ने बताया कि बागमती नदी डूबाधार, ढेंग, सोनाखान, महानंदा ढेंगराघाट व झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान के ऊपर है।

इधर, मधुबनी के घोघरडीहा प्रखंड के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। घोघरडीहा-हटनी पथ पर डायवर्सन पर पानी चढ़ने से वाहनों की आवाजाही ठप्प है।

कटिहार के अमदाबाद, बरारी, मनिहारी और कुरसेला प्रखंड में बाढ़ से 50 हजार लोग आंशिक और पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं। बरारी में कटाव से कई घर गंगा में समा गए और दर्जनों मवेशी बह गए।

सुपौल जिले के छह प्रखंड की कोसी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। गोपालगंज में गंडक नदी का कटाव जारी है। सदर प्रखंड के कटघरवा में गंडक नदी के कटाव के भय से लोग पलायन कर रहे हैं। इस जिले में 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

वहीं जलसंसाधन विभाग ने सभी तटबंधों को सुरक्षित रहने का दावा किया है।

विभाग के मुताबिक, अभियंताओं की टीम तटबंधों की लगातार निगरानी कर रही है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

Continue Reading

Trending