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उत्तराखंड

आपदाग्रस्त परिवारों को मिलेगा अधिक मुआवजा

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उत्तराखंड के आपदाग्रस्त परिवार, मुआवजा, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग, नई दरें लागू

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उत्तराखंड के आपदाग्रस्त परिवार, मुआवजा, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग, नई दरें लागू

disaster in uttarakhand

देहरादून। उत्तराखंड के आपदाग्रस्त परिवारों को अब कपड़े, घरेलू सामान और भवन के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में अधिक मुआवजा मिलेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग के निर्देश पर राज्य सरकार ने नई दरें लागू की हैं।

इसके तहत मुआवजा राशि में दोगुनी तक बढ़ोत्तरी की गई है। यही नहीं आपदा के चलते अपने घर से महरूम होने वालों को किराए के रूप में तीन हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। बीती 15 जून से प्रभावित नई दरें 30 सितंबर तक लागू रहेंगी।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन प्रभाग) की ओर से विभिन्न राज्य सरकारों को आपदा से होने वाली क्षति में दी जाने वाली मुआवजा राशि को बढ़ाने संबंधी निर्देश दिए गए थे।

इसके लिए राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) एवं राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के विभिन्न मदों और मानकों का पुर्ननिर्धारण किया गया है। इस पत्र के आधार पर राज्य सरकार ने बढ़ी दरों को पूरे प्रदेश में लागू किया है।

इसके तहत वर्तमान में आपदा के दौरान कपड़ों से संबंधित मौजूदा राहत राशि में लगभग पच्चीस फीसदी और घरेलू सामान के नुकसान पर दी जाने वाली राहत राशि में चालीस फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है।

इसी तरह पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त होने वाले कच्चे-पक्के मकान के लिए मिलने वाली राशि में दोगुनी से ज्यादा बढ़ोत्तरी की गई है। कपड़ों के लिए मौजूदा राशि 1800 रुपये से बढ़ाकर 2200 रुपये की गयी है,

वहीं घरेलू सामान के लिए यह राशि 2000 रुपये से बढ़ाकर 2800 रुपये एवं क्षतिग्रस्त भवन के लिए 95100 रुपये से बढ़ाकर नई दर 2 लाख रुपये (पहाड़ और मैदान दोनों के लिए) की गई है।

नई दरों में मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में भवनों के क्षतिग्रस्त होने पर एक समान मुआवजा दिया जाएगा। मौजूदा दरों में पहाड़ी क्षेत्रों के लिए राहत राशि लगभग 7 हजार रुपए अतिरिक्त थी।

इसके अतिरिक्त जिन परिवारों के भवन इस मानसून की अवधि में पूरी तरह या तीक्ष्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं और रहने लायक नहीं है, उन्हें प्रतिमाह तीन हजार रुपये का किराया दिया जाएगा। इसके लिए अवधि आपदा की घटना होने से अगले छह महीने तक के लिए होगी।

इसमें किराए के लिए मानसून अवधि भी तय की गई है, जो इस वर्ष 15 जून से लेकर 30 सितंबर तक मान्य होगी। यानी इस अवधि के बीच में भवन को हुए नुकसान पर ही मासिक किराया प्रदान किया जाएगा।

प्रदेश के सभी जिलाधिकारी इस बात का भी सत्यापन करेंगे कि किराया पाने वाला व्यक्ति या परिवार टेंट या अस्थायी आवासों में शरण न लिए हो। यदि टेंट उपलब्ध कराया गया है तो उसे प्रशासन वापस लेकर सुरक्षित रखेगा। इसके अतिरिक्त यदि किसी प्रभावित परिवार के पास वैकल्पिक आवास उपलब्ध है तो उसे किराए का लाभ नहीं मिलेगा।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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