मुख्य समाचार
पीओके में भड़का विद्रोह, चुनाव को बताया फर्जी
मीडिया रिपोर्टिंग पर भी लगा बैन
मुजफ्फराबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके में 21 जुलाई को संपन्न हुए चुनाव को स्थानीय लोगों ने खारिज करते हुए कहा है कि इन चुनावों में भारी धांधली हुई है, चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से फर्जी और पक्षपातपूर्ण है। चुनाव की निष्पक्षता को लेकर भारी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है।
पूरे इलाके में लोग सड़क पर उतर आए हैं। इन चुनावों में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग को 41 में से 32 सीटों पर जीत मिली थी। चुनावी प्रक्रिया और नतीजों के विरोध में मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी और मीरपुर में लोग भारी संख्या में सड़क पर निकल गए हैं। गुस्से में लोगों ने सड़क पर टायर भी जलाए।
चुनाव में हार का सामना करने वाले एक मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, ‘चुनावों में हेराफेरी के बाद पीएमएल (एन) प्रॉपेगैंडा फैला रहा है और लोगों की हत्या में लिप्त है। पीएमएल के सदस्यों ने मेरे दोस्त की हत्या कर दी। यदि प्रशासन हत्यारे के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता है तो भविष्य की घटनाओं के लिए वही जिम्मेदार होगा। इस चुनाव में मुस्लिम कॉनफ्रेंस और पीपीपी को तीन-तीन सीटें मिली हैं। राजनीतिक दलों ने चुनावों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
मुजफ्फराबाद से नीलम घाटी तक के वोटर्स ने शिकायत की है उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया। पीओके के पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के नेता बैरिस्टर सुल्तान मोहम्मद चौधरी ने कहा, ‘इलेक्शन में भारी हेराफेरी की गई है। वोटर्स को खरीदने के लिए जमकर पैसे बांटे गए। मीरपुर इलाके में वोटर्स को पैसे देने के मामले खूब सामने आए हैं।’
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीओके में चुनावी नतीजा हमेशा फिक्स होता है। पाकिस्तान की जो सत्ताधारी पार्टी होती है उसे ही जीत मिलती है। इस मामले उम्मीद न के बराबर होती है कि कोई तीसरी पार्टी को जीत मिले।
एक स्थानीय नागरिक ने बताया, ‘2011 में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने पीओके में सरकार बनाई थी क्योंकि तब पाकिस्तान की सत्ता उसके पास थी। यह मजाक है कि लोगों को वोट देने का अधिकार है। यहां केवल चेहरे बदलते हैं। हमें हमेशा मूर्ख बनाया जाता है।’
मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (एमसी) के एक समर्थक की पीएमएल (एन) के सदस्यों ने मुजफ्फराबाद में हत्या कर दी थी। इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तानी प्रशासन ने मीडिया को इसकी रिपोर्टिंग करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वास्तविक वोटर्स को वोटिंग से दूर रखा गया। कहा जा रहा है कि ISI ने पीएमएल को जिताने की लिए चुनावो में धांधली की। पीओके में हुए चुनाव को लोग फर्जी बता रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन्होंने चुनाव में धांधली को लेकर शिकायत भी की लेकिन किसी ने सुनी नहीं।
चुनावी प्रक्रिया में धांधली का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बताया है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब चुनाव के नाम कुछ भी निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ। हर चुनाव में यह देखने को मिलता है कि लोग सड़क पर उतरते हैं और मीडिया में रिपोर्टिंग को बैन कर दिया जाता है।
हर चुनाव में विदेशी पर्यवेक्षकों को भी नहीं आने दिया जाता। यहां के स्थानीय लोगों की मांग रही है कि चुनाव को निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए एक तटस्थ नेतृत्व को आगे किया जाए। पाकिस्तान की सरकार यहां के लोगों की डिमांड हमेशा खारिज करती रही है।
पाकिस्तान कहता रहा है कि उसके कब्जे वाले कश्मीर में लोग खुश हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक को ब्लॉक कर दिया है। पुलिस से लोगों की झड़प भी हुई है।
प्रशासन ने मीडिया पब्लिकेशन और प्रसारण को पूरी तरह से बैन कर दिया है। पीओके असेंबली हॉल और अन्य सरकारी इमरातों के पास भी प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि इन्हें मतदान करने से रोका गया।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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