Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बिहार में बाढ़ का प्रकोप, 17 लाख लोग प्रभावित

Published

on

बिहार में बाढ़ का प्रकोप, 17 लाख लोग प्रभावित

Loading

बिहार में बाढ़ का प्रकोप, 17 लाख लोग प्रभावित

पटना| बिहार के आठ जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है। नेपाल के तराई इलाकों और उत्तर व पूर्वी बिहार में बारिश के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 43 प्रखंडों के 1500 गांवों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुके हैं, जिससे 17 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं, वह पूर्णिया में अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे। अब तक बाढ़ के पानी में डूबने से 17 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 10 हजार से ज्यादा घर तबाह हो चुके हैं।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है, जबकि वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है।

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक मंडल ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि सुबह 10 बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.28 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 2.48 लाख क्यूसेक था।

उन्होंने बताया कि बागमती, बेनीबाद और कमला बलान नदी भी झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

राज्य में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार और सुपौल जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि सीतामढ़ी, शिवहर सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो चुका है।

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव व्यास जी ने गुरुवार को बताया कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है, जरूरत पड़ने पर सेना की मदद ली जाएगी।

बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज एवं अररिया जिले में है। कटिहार के हालात पर सेना की भी नजर है। इन जिलों में बाढ़ से लगभग तीन लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है। कदवा, आजमनगर, बलरामपुर व प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थिति विकराल हो गई है। महानंदा नदी में उफान से तटबंध के अंदर मौजूद लगभग तीन दर्जन से अधिक पंचायत जलमग्न है।

महानंदा, बखरा, कंकई, परमार एवं कोसी नदियों में उफान से पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार एवं सुपौल जिलों की स्थिति खराब है। प्रभावित गांवों में राहत एवं बचाव के लिए सात सौ से अधिक नावों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात की गई हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 292 राहत शिविरों में 1़ 16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। अब तक आठ जिलों के 43 प्रखंडों की 443 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिनमें 165 ग्राम पंचायतें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं।

बाढ़ से घिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए 711 नावों की सेवाएं ली जा रही हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending