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गुजरात की CM आनंदीबेन ने दिया इस्तीफा, फेसबुक पेज पर लिखा कारण
BJP संसदीय बोर्ड करेगा फैसला
नई दिल्ली। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा है कि राज्य सरकार के इस शीर्ष पद से उन्हे मुक्त किया जाए। आनंदीबेन के इस्तीफे पर अमित शाह ने कहा कि आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफे की पेशकश की है। मैं उनका पत्र पार्टी संसदीय बोर्ड के समक्ष रख दूंगा ,जो इस पर अंतिम फैसला लेगा।
खबरों के अनुसार गुजरात के सीएम पद के लिए तीन नामों की चर्चा की जा रही है। इस रेस में पुर्षोतम रुपाला, नितिन पटेल, विजय रुपानी शामिल हैं। शाह ने संकेत दिया कि आनंदीबेन की जगह दूसरे व्यक्ति को नियुक्त किया जाएगा ताकि नए मुख्यमंत्री के पास जनवरी में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन की तैयारी का समय हो।
कांग्रेस के नेता अहमद पटेल ने कहा कि सीएम आनंदीबेन का इस्तीफा 2017 में बीजेपी की हार का संकेत है।
इससे पहले सीएम आनंदीबेन ने फेसबुक पर लिखा था कि भाजपा को अगले साल चुनाव से पहले किसी नए चेहरे की जरूरत होगी। राज्य की भाजपा सरकार में 1998 से मंत्री पद पर रहीं और 2014 से राज्य की मुख्यमंत्री के पद पर आसीन पटेल के नेतृत्व में भाजपा नरेंद्र मोदी काल के बाद से इस बार पहली बार विपक्ष से कड़ी चुनौती का सामना कर रही है।
आगामी 21 नवंबर को 75 वर्ष की आयु पूरी करने वाली पटेल ने यह भी कहा कि भाजपा को अगले साल होने वाले चुनाव से पहले राज्य में एक नए चेहरे की जरूरत है।
आनंदीबेन के बाद कौन
आनंदी बेन पटेल के बाद गुजरात के सीएम के तौर पर नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा है। इसके अलावा पार्टी पुरुषोत्तम रुपाला या विजय रुपानी के नाम पर विचार कर सकती है।
नितिन पटेल : 60 साल के नितिन पटेल फिलहाल राज्य में मंत्री हैं। उनका नाम पहले भी गुजरात में नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के तौर पर आगे आया था।
विजय रुपानी : राजकोट पश्चिम के विधायक रुपानी फिलहाल गुजरात में कैबिनेट मंत्री हैं। पुराने कद्दावर नेता हैं और इमरजेंसी में जेल भी जा चुके हैं।
पुरुषोत्तम रुपाला : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और गुजरात के बड़े पाटीदार नेता हैं। फिलहाल में केंद्र में पंचायती राज के राज्यमंत्री हैं। उनका सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात में काफी प्रभाव है। पर वे शाह और आनंदी के विरोधी माने जाते हैं।
फेसबुक पर लिखा
राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा ,पिछले कुछ समय से पार्टी की यह परंपरा रही है कि जो लोग 75 वर्ष की आयु पूरी कर लेते हैं वे अपने पद से स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। नवंबर में मैं 75 वर्ष की आयु पूरी कर लूंगी। आनंदीबेन पटेल ने नरेंद्र मोदी के केंद्र की राजनीति में आने के बाद 22 मई 2014 को मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
क्या थे कारण
पिछले साल राज्य में हिंसक पाटीदार अथवा पटेल आरक्षण आंदोलन के बाद से ही पटेल की विदाई की अटकलें तेज थी। पिछले महीने उना दलित कांड के बाद राज्यव्यापी हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर इन अटकलों ने फिर जोर पकड़ लिया था। उन्हें पंजाब का राज्यपाल बनाए जाने की भी अटकले थीं।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पार्टी ने मुझे कई पदों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी। कभी संगठन में मैंने पार्टी के लिए काम किया तो बाद में सरकार में रहकर गुजरात के विकास में योगदान दिया। इससे मेरी कार्यक्षमता में लगातार बढ़ोत्तरी होती रही। पीएम नरेंद्र भाई के नेतृत्व में कई सराहनीय कार्य हुए। लेकिन अब मैं पार्टी से सीएम पद से पदमुक्त होने का आग्रह करूंगी। बाद में उन्होंने फेसबुक पर दिये गये पत्र का शब्दश: अपना वीडियो संदेश भी प्रसारित किया और अपनी बात को दोहराया।
बीजेपी में 1988 में हुईं थीं शामिल
आनंदी बेन पटेल गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। उन्हें वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। आनंदी बेन पटेल भारतीय जनता पार्टी में साल 1988 में शामिल हुईं थीं। इसके बाद वे 1998 में कैबिनेट मंत्री बनीं। इस दौरान उन्होंने शिक्षा मंत्रालय, उच्च और तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आदि जैसे अहम मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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