आध्यात्म
जीव एवं माया ये दोनों भगवान् की शक्तियाँ हैं
देश काल नहिँ नियम कछु, नहिँ कछु शिष्टाचार।
सरल हृदय नहिँ छल कपट, प्रेमपंथ बलिहार।। 41।।
भावार्थ- मैं ऐसे प्रेममार्ग पर बलिहार जाता हूँ जिसमें न स्थान का बंधन है। न समय का बंधन है। न शिष्टाचार का। निष्कपट भाव से श्रीकृष्ण से निष्काम प्रेम करना है।
वयाख्या- ज्ञान, योग, कर्मादि मार्गों में बड़े-कड़े कड़े नियम हैं। पूर्व में बता चुके हैं। थोड़ी भी त्रटि होने पर साधक का अनर्थ हो जाता है। किंतु प्रेममार्ग में कुछ भी नियम अपेक्षित नहीं है।
यथा-
न देशनियमस्तस्मिन् न कालनियमस्तथा।
(पद्म पुराण)
चाहे बाल्मीकि के समान भी पापी हो (राम नहीं कह सके) चाहे सर्वसाधनहीन दीन मलीन हो, सब के लिये यह दरबार सदा खुला है। उसी मंच पर अजामिल, गीध, गणिका भी बैठते हैं जिस मंच पर ब्रह्मा, शंकर, नारदादि बैठते हैं। ज्ञानी, योगी, कर्मी के तो भाग्य में ही प्रेमानन्द नहीं हैं। प्रेम मार्ग में तो केवल निष्कामता एवं अनन्यता का ही मात्र नियम है। शेष नियमों से भगवान् ने छूट दे दी है। किसी के आँख नहीं है। किसी के रसना नहीं है। किंतु मन तो सब के पास है। बस वही मन ही चाहते हैं श्यामसुन्दर।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
’जिव’ ‘माया’, दुइ शक्ति हैँ, शक्तिमान भगवान।
शक्तिहिँ भेद अभेद भी, शक्तिमान ते जान।।42।।
भावार्थ- जीव एवं माया ये दोनों भगवान् की शक्तियाँ हैं। शक्ति एवं शक्तिमान् में भेद माना गया है एवं अभेद भी माना गया है। अतः भगवान् से जीव एवं माया का भेदाभेद है।
व्याख्या- गीता में लिखा है। यथा-
भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च।
अहंकार इतीयं मे भिन् ना प्रकृतिरष्टधा।।
अपरेयमितस् त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् ।
जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ।।
(गीता 7-4,5)
अर्थात् मेरी 2 शक्तियाँ जीव एवं माया हैं। शक्ति एवं शक्तिमान् में भेद एवं अभेद दोनों माना गया है। अतः जब भेद माना जायगा तो बह्मृ जीव एवं माया तीनों को अनादि कहा जायगा। और जब अभेद माना जायगा तो एक ही शक्तिमान् भगवान् ही माना जायगा।
भेद वाचिनी वेदऋचायें-
एतज्ज्ञेयं नित्यमेवात्मसंस्थं नातः परं वेदितव्यं हि किंचित् ।
भोक्ता भोग्यं प्रेरितारं च मत्वा सर्वं प्रोक्तं त्रिविधं ब्रह्ममेतत् ।।
(श् वेता. 1-12)
क्षरं प्रधानममृताक्षरं हरः क्षरात्मानावीशते देव एकः।
तस्याभिध्यानाद् योजनात् तत्तवभावाद् भूयश्र्चान्ते विश्वमायानिवृत्तिः।।
(श् वेता. 1-10(
द्वा सुपर्णा सयुजा सखाया समानं वृक्षं परिषस् वजाते।
तयोरन्यः पिप्पलं स्वाद्वत्त यनश् नन् न न्यो अभिचाकशीति।।
(श् वेता. 4-6)
ब्रह्म सनातन है अतः उसकी दोनों शक्तियाँ (जीव, माया) भी नित्य हैं यथा वेद-
अजामेकां लोहितशुक्लकृष्णां बह्वीः प्रजाः सृजमानां सरूपाः
अजो ह्येको जुषमाणोऽनुशेते जहात्येनां भुक्तभोगामजोऽन्यः।।
(श् वेता. 4-5)
इसी प्रकार जब शक्ति एवं शक्तिमान में अभेद माना जायगा तो-
’एकमेवाद्वितीयं ब्रह्म’ (छान्दो. 6-2-1)
एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति। (ऋग्वेद)
पुरुष एवेदँ सर्वं यद् भूतं यच्च भाव्यम् ।। (श् वेता. 3-15)
र्इशावास्यमिदँ सर्वं यत्किञ् च जगत्यां जगत् ।। (ईशा. 1)
मत्तः परतरं नान्यत् किंचिदस्ति धनञ् जय। (गीता 7-7)
मया ततमिदं सर्वं जगदव्यक्तमूर्तिना।
मत् स्थानि सर्वभूतानि न चाहं तेष्ववस्थितः।। (गीता 9-4)
सर्वं पुरुष एवेदं भूतं भव्यं भवच्च यत् । (भाग. 2-6-15)
द्रव्यं कर्म च कालश् च स्वभावो जीव एव च।
वासुदेवात्परो ब्रह्मन्न चान्योऽर्थोऽस्ति तत्तवतः ।। (भाग. 2-5-14)
अस्तु- शास्त्रों में दोनों प्रमाण प्राप्त हैं। दोनों ही सही हैं। निरर्थक विवाद में नहीं पड़ना चाहिये।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
उत्तर प्रदेश
जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।
दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
हादसे में बड़ी बेटी का निधन
हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.
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