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आध्यात्म

ज्ञाता के बिना ज्ञान रह ही नहीं सकता

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ज्ञाता के बिना ज्ञान रह ही नहीं सकता

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ज्ञाता के बिना ज्ञान रह ही नहीं सकता

kripalu ji maharaj

जैसे दीपक प्रभा भी है एवं प्रभावान् भी है । ऐसे ही आत्‍मा ज्ञाता भी है । एवं ज्ञान स्‍वरूप भी ।है इसी से वेदों ने कहा यथा-

एष हि द्रष्‍टा स्‍प्रष्‍टा श्रोता  घ्राता रसयिता मंता बोद्धा कर्ता विज्ञानात्‍मा पुरुषः स परेऽक्षर आत्‍मनि सम्‍प्रतिष्‍ठते ।। ( प्रश्‍नो . 4-9)

अर्थात् वह देखता , सुनता, रस लेता, सूघंता, सोचता एवं ज्ञाता है । पुनः वेद कहता है । यथा-

‘यो वेदेदं जिघ्राणीति स आत्‍मा गन्‍धाय घ्राणमथ ।‘

(छान्‍दो. 8-12-4)

अतः विस्‍तार करने का अवसर नहीं है । इतने में ही समझ लो कि आत्‍मा (ब्रह्म) ज्ञाता है। केवल प्रकाशमात्र नहीं है। सच तो यह है कि ज्ञाता के बिना ज्ञान रह ही नहीं सकता।

कुछ अद्वैती कहते हैं कि अहंकार ज्ञाता है। ब्रह्म नहीं। किंतु अहंकार तो जड़ तत्‍त्‍व है। फिर वे कहते हैं कि आत्‍मा की छाया पड़ने से अहंकार ज्ञाता बन गया। किंतु यह कौन सी आत्‍मा है जिसकी छाया पड़ने से अहंकार ज्ञाता बना। तुम तो आत्‍मा को ज्ञाता ही नहीं मानते। आत्‍मा जब ज्ञात ही नहीं है तो उसकी छाया ने अहंकार को कैसे ज्ञाता बना दिया? और यदि कहो कि अहंकार की छाया से आत्‍मा ज्ञाता बन गया तो अहंकार के जड़ होने के कारण छाया पड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता। फिर आत्‍मा एवं अहंकार दोनों निराकार हैं एवं परोक्ष हैं। फिर छाया का प्रश्न कैसे पैदा हो जायगा।

शांतांगार इवादित्‍यमहंकारो जड़ात्‍मकः

स्‍वयं ज्‍योतिषमात्‍मानं व्‍यनक्‍तीति न युक्तिमत्।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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