आध्यात्म
राधा जी को श्रीकृष्ण माधुर्य रस के पान का सौभाग्य प्राप्त था
एक बार पुनः खेलते हुये नन्दललन को अपना प्रतिबिंब दिखाई पड़ा। बस फिर क्या था- उसे चिपटाने के लिए बार-बार विशाल बाहों को फैलाने। लगे श्री राधा जी छुपकर यह दृश्य देख रहीं थी। और हँस रहीं थी कि अरे बुद्धू! तेरे भग्य में यह रूपमाधुरी नहीं है यथा-
स्वच्छायामभिवीक्ष्य मुह्यति हरौ राधास्मितं पातु नः।
(गर्गसंहिता)
महाप्रभु गौरांग ने कहा-
रूप देखि आपनार कृष्णेर हय चमत्कार
आस्वादिते मने उठे काम
अर्थात् श्रीकृष्ण को अपने ही रूप माधुर्य को देख कर परमाश्चर्य हुआ एवं गोपी बन कर आस्वादन करने की कामना जाग्रत हो गई। किंतु यह कैसे संभव है।
श्री नयनाभिराम भगवान् राम का भी यही हाल है। यथा-
रूप राशि छवि अमित बिहारी, नाचहिँ निज प्रतिबिंब निहारी।
सारांश यह कि यह तो सर्वविदित है कि श्रीकृष्ण का रूप माधुर्य ब्रह्मा शंकरादिकों को भी मोहित कर लेता है । स्वयं भगवान् शंकर ने गोपी बन कर उस रस का पान किया किंतु यह नई बात है कि वे सर्वविमोहन स्वयं भी अपने सौंदर्य माधुर्य में विभोर हो जाते हैं। इसी लक्ष्य से ही कृष्णावतार में 2 रूप धारण करके आये थे। राधा कृष्ण। एक रूप में आस्वाद्य एवं एक रूप में आस्वादक भी थे।
कुछ भी हो किंतु राधा जी को श्रीकृष्ण माधुर्य रस के पान का सौभाग्य प्राप्त था। एवं श्रीकृष्ण को राधा रूप माधुर्य के रस के पान करने का सौभाग्य था। जबकि ब्रजांगनाओं को राधा कृष्ण दोनों के माधुर्य रस पान करने का अद्वितीय सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इसी प्रकार सभी जीवों को प्राप्त हो सकता है।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
एक बार बड़े हो जाने पर द्वारिका में भी ऐसा ही हुआ। मणिओं की दीवार पर द्वारिकाधीश ने अपनी परछाईं देखी बस-मुग्ध हो गये। और मन ही मन श्रीकृष्ण, श्री राधा बनने की कामना करने लगे। क्योंकि श्रीकृष्ण के रूप माधुर्य का सम्यक् आस्वादन वृषभानुदिनी राधिका ही करती हैं।
एक बार पुनः खेलते हुये नन्दललन को अपना प्रतिबिंब दिखाई पड़ा। बस फिर क्या था- उसे चिपटाने के लिए बार-बार विशाल बाहों को फैलाने। लगे श्री राधा जी छुपकर यह दृश्य देख रहीं थी। और हँस रहीं थी कि अरे बुद्धू! तेरे भाग्य में यह रूपमाधुरी नहीं है यथा-
स्वच्छायामभिवीक्ष्य मुह्यति हरौ राधास्मितं पातु नः ।
महाप्रभु गौरांग ने कहा-
रूप देखि आपनार कृष्णेर हय चमत्कार
आस्वादिते मने उठे काम
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
आध्यात्म
महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई
लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।
महापर्व 'छठ' पर हमरे ओर से आप सब माता-बहिन आ पूरा भोजपुरी समाज के लोगन के बहुत-बहुत मंगलकामना…
जय जय छठी मइया! pic.twitter.com/KR2lpcamdO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 7, 2024
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