मनोरंजन
गायकी का भाषा से कोई लेना-देना नहीं : दिलबाग
नई दिल्ली| पंजाबी गायक दिलबाग सिंह केवल पंजाबी फिल्मों में ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके हैं। फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ के गीत ‘मारी गली’ से बॉलीवुड में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज करा चुके दिलबाग का मानना है कि भाषा का गायकी से कोई लेना-देना नहीं होता।
पाकिस्तान के युवा गजल गायक आमिर अली के नए अलबम ‘नहीं मिलना’ के प्रचार के दौरान एक खास बातचीत में दिलबाग से जब पूछा गया कि अपने प्रशंसकों के लिए वह क्या नया ला रहे हैं, तो उन्होंने बताया, “इस समय मेरा एक अलबम तैयार है, जिसमें मैंने बहुत सारे गाने गाए हैं। पंजाबी फिल्म ‘इश्कनामा’ में मैं एक रोमांटिक गाना गा रहा हूं। मैं एक पॉप सिंगर हूं, इसलिए मैं कई पॉप गानों पर काम कर रहा हूं, उम्मीद है कि अलबम नवंबर तक रिलीज हो जाएगा।”
फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ का गाना ‘म्हारी गली’ में अपनी आवाज का जलवा बिखेरने वाले दिलबाग से जब पूछा गया कि क्या इस समय आप बॉलीवुड फिल्म में भी गाना रहे हैं, तो उन्होंने बताया, “मैं बॉलीवुड फिल्म ‘शादी अभी बाकी है’ का शीर्षक गीत गा रहा हूं। इसके अलावा मैं दो और फिल्मों के लिए गाने तैयार कर रहा हूं, जिनके अभी नाम तय नहीं हुए हैं।”
इस समय जब भारत और पाकिस्तान के संबंधों में उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर भारत के पॉप सिंगर दिलबाग पाकिस्तानी गजल गायक आमिर अली के अलबम का प्रचार कर दुनिया को प्यार और दोस्ती का संदेश दे रहे हैं।
दिलबाग से जब पूछा गया कि आमिर के इस गीत में उनका क्या योगदान है, तो उन्होंने बताया, “इस गजल की पूरी कंपोजीशन मेरे ही घर में पूरी हुई है। आमिर ने इसे बनाया है और मैंने इसके बदले उन्हें अच्छा-अच्छा खाना खिलाया है। मेरा यही योगदान है। इस गजल के बनने के दौरान हालांकि वह हर शेर पर मेरी सलाह लेते थे, सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम यह गजल गुनगुनाते थे। मुझे यह बहुत पसंद है और मेरा यकीन है कि यह पूरी दुनिया को पसंद आएगी।”
गुलाम अली की गजलों की पूरी दुनिया दीवानी है, केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि भारत और विदेशों में भी उनकी गजलों को लोग पसंद करते हैं। ऐसे में आमिर की तुलना उनके वालिद गुलाम अली से होना लाजमी है। क्या आमिर की यह गजल गुलाम अली की नज्मों की तरह लोगों के जेहन में उसी हद तक उतर पाएगी?
इस सवाल पर दिलबाग ने कहा, “मेरे हिसाब से आमिर की तुलना उनके पिता से करना सही नहीं है। यह उनकी खुशनसीबी है कि गुलाम अली साहब उनके पिता हैं। यह उनके लिए गर्व की बात है कि वह गुलाम अली के बेटे हैं। मैं मानता हूं कि आमिर बहुत ही प्रतिभाशाली हैं, इसलिए मुझे लगता है कि लोग जितना गुलाम अली साहब को पसंद करते हैं, उतना ही आमिर को भी करेंगे।”
उन्होंने कहा, “नई पीढ़ी आमिर के गीतों को पसंद कर रही है और उसका समर्थन कर रही है। मैं भी उन्हें बहुत पसंद करता हूं। उनका यह गीत युवाओं को देखकर तैयार किया गया है और यह युवाओं को बहुत पसंद आएगा। उनके संगीत में जरूर कोई बात है, इसलिए शायद मैं भी उनके साथ खड़ा हूं।”
पंजाबी पॉप सिंगर का गजल गायक के साथ तालमेल कैसे बना, इस सवाल पर दिलबाग ने कहा, “पॉप हो या गजल, संगीत की तर्ज शास्त्रीय ही रही है। हम जब गानों को सीखना शुरू करते हैं, तो शुरुआत शास्त्रीय संगीत से ही होती है। इसके बाद हम अपने उस जॉनर को तलाशते हैं, जिसमें हम अधिक सहज महसूस करते हैं और उसमें अधिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने बचपन में जब गाना सीखना शुरू किया था, तो मुझसे शास्त्रीय संगीत को सीखने के लिए कहा गया। मैं गुलाम अली साहब की गजलें सुनता था।”
लिबाग ने आगे कहा, “मेरे गुरु गायक मीका जी के पिता अजमेर सिंह चंदन थे। मैंने उनसे एक गाने पर कहा था कि इतना मुश्किल गाना मैं नहीं गा सकता, इस पर उन्होंने मुझे सलाह दी कि तुम गाना सुनो। क्योंकि जिसको गाना सुनना आ जाए, उसको गाना आ जाता है। अगर आपका आधार शास्त्रीय संगीत रहा है, तो आप किसी भी तरह का गाना गा सकते हैं। भाषा का गायिकी से कोई लेना-देना नहीं होता है, बस आपके अंदर संगीत की समझ होनी चाहिए।”
उत्तर प्रदेश
डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।
प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू
अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।
8 करोड़ की भव्य परियोजना
अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।
विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।
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