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अब नहीं होगी डीएल और आरसी साथ लेकर चलने की जरूरत

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डिजिटल लॉकर

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नई दिल्ली। अब आप ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) के बिना भी वाहन चला सकेंगे और आपका चालान नहीं कटेगा। इसके लिए बस आपको अपने दस्तावेज की कॉपी डिजिटल लॉकर में रखनी होगी। ट्रैफिक पुलिस या अन्य एजेंसियां उन डॉक्यूमेंट्स को जरूरत पडऩे पर डिजीलॉकर ऐप के जरिए पुष्टि कर सकेंगे।

देश के पहले क्लाउड आधारित सुरक्षित प्लेटफार्म डिजिलॉकर को बुधवार को लांच किया गया। इसमें जरूरी दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को रखा जा सकता है और इसका डिजिटली सत्यापन भी किया जा सकेगा। इस प्लेटफार्म का उद्घाटन केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मिलकर परिवहन मंत्रालय में किया।

इस प्लेटफार्म को डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत लांच किया गया है। इस एकीकरण को पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया के लिए एक मह्तवपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इससे दस्तावेजों का केंद्रीकरण हो सकेगा। वाहन के दस्तावेज चलते समय नहीं लेकर चलने पर पुलिसकर्मी जबरदस्ती चलान नहीं कर सकेंगे।

मंत्रालय के मुताबिक, डिजिलॉकर के आने के बाद अब दस्तावेजों को साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। इसे कहीं भी कभी भी एक्सेस किया जा सकेगा, ऑनलाइन साझा भी किया जा सकेगा और जालसाजी से भी बचाव होगा।

ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के डिजिलॉकर में रखकर उसे मोबाइल फोन से भी एक्सेस किया जा सकेगा। गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि इससे पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। लोगों को यह जानकर खुशी होगी कि इससे वाहनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।

वर्तमान में परिवहन मंत्रालय के पास 19 करोड़ वाहनों के पंजीकरण के दस्तावेज हैं तथा 10 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस हैं, जिसे डिजिलॉकर में भी डाला जाएगा। प्र्रसाद ने कहा, डिजिलॉकर डिजिटीकरण का एक अलग और अनूठा प्रतीक है। अगले साल से इसके उपयोग में जबरदस्त तेजी आएगी।

इस पर आप अपने दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं और ई-साइन सुविधा से डिजिटली साइन भी कर सकते हैं, जो खुद से सत्यापन की प्रक्रिया जैसी है। मंत्रालय के मुताबिक, अब तक डिजिलॉकर के 21 लाख प्रयोक्ता बन चुके हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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