नेशनल
खुद को खुदा न समझे बीसीसीआई, सुधर जाए वरना हम सुधार देंगे : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। क्रिकेट में सुधार लाने के उद्देश्य के लिए गठित की गई लोढ़ा समिति ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पदाधिकारियों को पद से हटाने का आग्रह किया। समिति ने कहा है कि बीसीसीआई उसके द्वारा संगठनात्मक बदलाव के बारे में की गई सिफारिशों को लागू नहीं कर रही है। समिति के वकील गोपाल शंकरनारायण ने शीर्ष न्यायालय को समिति की रिपोर्ट सौंपी।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, अगर बीसीसीआई सोचता है कि वो अदालत के आदेश की अवेहलना कर सकता है और कानून अपने हाथ में ले सकता है तो वह गलतफहमी में है। पीठ ने कहा है कि वह लोढ़ा समिति की रिपोर्ट और बीसीसीआई के सभी पदाधिकारियों को हटाने के सुझाव पर छह अक्टूबर को सुनवाई करेगी। अपनी रिपोर्ट में लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई पर हर कदम पर बदलाव को टालने और शीर्ष अदालत के निर्देशों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं।
समिति ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर एवं बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों पर शीर्ष अदालत का आदेश न मानने और उसके सुझावों को हर स्तर पर रोकने के आरोप लगाए हैं। समिति के इस आरोप पर अदालत ने बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया और उसे आदेश का पालन करने को कहा। न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, बीसीसीआई सोचता है कि वह अपने आप में कानून है। हम जानते हैं कि हमें किस तरह अपने आदेश का पालन करवाना है। बीसीसीआई सोचती है कि वह ‘लार्ड’ है। अगर आप (बीसीसीआई) नहीं सुधरेंगे तो हम आपको सुधार देंगे। बीसीसीआई का व्यवहार अच्छा नहीं है।
आईपीएल मैच फिक्सिंग मामले के बाद देश की शीर्ष अदालत ने क्रिकेट में सुधार लाने और खेल को स्वच्छ बनाने के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा के नेतृत्व में समिति का गठन किया था। समिति ने इसके बाद अपनी रिपोर्ट अदालत को सौैंप दी थी। बीसीसीआई अध्यक्ष ठाकुर से जब संपर्क कर इस मामले पर बात करने की कोशिश की लेकिन वह स्विट्जरलैंड के जिनेवा में आयोजित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सांसद फोरम में हिस्सा लेने के कारण उपलब्ध नहीं हो सके। बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन राजीव शुक्ला भी संपर्क करने पर इस पर प्रतिक्रिया देने से बचते दिखे। समिति ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई के अधिकारियों के लिए कड़े पात्रता मानदंड और उनके कार्यकाल के लिए सीमा तय करने की सिफारिश की थी। साथ ही समिति ने मंत्री, नौकरशाहों को बोर्ड में किसी तरह का पद देने की मनाही की थी। साथ ही 70 साल की उम्र से अधिक वाले अधिकारियों को भी बोर्ड में शामिल ना करने की बात कही थी।
लोढ़ा समिति ने साथ ही बीसीसीई की कार्यसमिति की जगह नौ सदस्सीय शीर्ष परिषद के गठन की सिफारिश की थी जिसमें महिला खिलाड़ी सहित खिलाडिय़ों का भी प्रतिनिधि हो। समिति ने बीसीसीआई बोर्ड में सीएजी को भी शामिल करने की बात कही थी। शीर्ष अदालत ने समिति की सभी सिफारिशों को माना था और बीसीसीआई से जल्द से जल्द इन्हें लागू करने के आदेश दिए थे। शीर्ष अदालत ने 18 जुलाई को दिए अपने आदेश में कहा था कि कोई भी मंत्री और सरकारी अधिकारी बीसीसीआई में किसी पद पर नहीं बैठ सकता। अदालत ने समिति की एक राज्य एक वोट की सिफारिश को भी मान लिया था। समिति ने बुधवार को अदालत में दाखिल की गई 79 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई पर सिफारिशें लागू न करने के आरोप लगाए।
समिति ने साथ ही कहा है कि हाल ही में 21 सितंबर को हुई बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में क्या हुआष इसकी जानकारी बोर्ड ने उसे नहीं दी है। समिति ने एजीएम में लिए गए कई फैसलों की आलोचना की है जिसमें अजय शिर्के को निर्विरोध दोबारा सचिव चुना जाना और वरिष्ठ चयन समिति (पुरुष एवं महिला) का गठन शामिल है। समिति ने कहा है कि इन फैसलों में बोर्ड ने उसकी सिफारिशों का उल्लंघन किया है। समिति ने एजीम में बीसीसीआई अध्यक्ष ठाकुर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और एशियाई क्रिकेट परिषद में बोर्ड का प्रतिनिधि चुने जाने और शरद पवार को उनके विकल्फ के तौर पर चुने जाने की भी आलोचना की है। समिति ने कहा कि बोर्ड पारदर्शिता लाने के लिए नए ज्ञापन को मानने के अपने वादे से मुकर गया है। समिति ने कहा है कि उसके कई बार कहने पर भी देश की सर्वोच्च क्रिकेट संस्था ने राज्य संघों को दिशा निर्देश जारी नहीं किए।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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