Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

आरबीआई नीति, आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की चाल

Published

on

Loading

BSEमुंबई। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की मौद्रिक समीक्षा, वैश्विक बाजारों की हलचल, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) व घरेलू संस्थागत निवेशकों, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों की प्रवृत्ति ही आने वाले हफ्ते में बाजार की चाल तय करेगी। आरबीआई मार्च, 2017 में खत्म हो रहे वित्त वर्ष के लिए चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति का 4 अक्टूबर को खुलासा करेगी। आरबीआई ने 9 अगस्त को की गई अपनी तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था और यह 6.5 फीसदी पर है। इसके परिणामस्वरूप रिवर्स रेपो रेट भी 6 फीसदी पर बना हुआ है। आरबीआई ने नकद आरक्षी अनुपात को भी 4 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है।

वहीं, नवगठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 4 अक्टूबर को पहली बार सिफारिश देगी। इसके लिए समिति की तीन और चार अक्टूबर को बैठक होने वाली है। आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया, मौद्रिक नीति समिति तीन और चार अक्टूबर को बैठक कर आगामी मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगी। एमपीसी का प्रस्ताव चार अक्टूबर को दोपहर 2.30 बजे वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने गुरुवार को मौद्रिक नीति गठन को अधिसूचित किया। इस समिति में देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों के तीन विद्वानों को सरकार ने समिति के सदस्य के रूप में नामित किया। समिति को सरकार की तरफ से आधिकारिक रूप से कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति को चार फीसदी (दो फीसदी कम या ज्यादा) तक काबू में रखना है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा जिन नामों को मंजूरी दी गई, उनमें भारतीय सांख्यिकी संस्थान के प्रोफेसर चेतन घाटे, दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स के निदेशक पामी दुआ और भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद के प्रोफेसर रविंद्र ढोलकिया शामिल हैं। मौद्रिक नीति समिति का गठन केंद्र सरकार ने किया है, जिसका कार्यकाल चार सालों का होगा। छह सदस्यीय समिति में आरबीआई के तीन प्रतिनिधि हैं, जिसमें आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल समिति की अध्यक्षता करेंगे। साथ ही डिप्टी गर्वनर आर. गांधी और कार्यकारी निदेशक मिशेल पात्रा शामिल हैं।

निवेशकों की नजर मानसून की चाल पर टिकी हुई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 29 सितंबर को जारी अपने साप्ताहिक अनुमान में कहा है कि देश में कुल मिलाकर इस साल एक जून से 28 सितंबर के बीच मानसूनी बारिश दीर्घकालिक औसत से 3 फीसदी कम हुई है।

इस सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी नजर रहेगी, क्योंकि कंपनियां शनिवार को अपनी मासिक बिक्री के आंकड़ों का खुलासा करेंगी। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां इस महीने के अंत में ईधन कीमतों की समीक्षा करेंगी। तेल कंपनियां अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर महीने में दो बार समीक्षा करती है। इनमें जेट फ्यूल की कीमतें सीधे तौर पर कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ी है। इस सप्ताह वाहनों के पुर्जे का उत्पादन करनेवाली कंपनी एंड्यूरेंस टेक्नॉलजीज का आईपीओ आनेवाला है। यह आईपीओ 5 अक्टूबर को खुलेगा और 7 अक्टूबर को बंद होगा। इसकी कीमत प्रति 467 से 472 के प्राइस रेंज में रखी गई है।
व्यापक आर्थिक आकंड़ों में सोमवार को सितंबर माह के उत्पादन क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े आएंगे। अगस्त में भारत का पीएमआई 52.6 पर था तो जुलाई में यह 51.8 पर था।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending