नेशनल
मोदी ने एनएसजी पर समर्थन के लिए ब्राजील को धन्यवाद दिया
बेनॉलिम (गोवा), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनाए जाने की भारत की इच्छा के प्रति सहमति जताने के लिए’ ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल तेमेर को धन्यवाद दिया। मोदी ने यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर ब्राजील के राष्ट्रपति से मुलाकात की। उन्होंने तेमेर को आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का समर्थन करने के लिए और संयुक्त राष्ट्र में पेश की गई प्रमुख आतंकवाद रोधी पहल ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि’ (सीसीआईटी) के प्रस्ताव को स्वीकार करने पर भी धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए की गई भारतीय कार्रवाई के समर्थन के लिए ब्राजील की भरपूर प्रशंसा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “भारत और ब्राजील ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि दुनिया को बिना किसी फर्क या भेदभाव के आतंकवाद के खतरे से लड़ने के लिए साथ आना चाहिए।”
मोदी ने मीडिया को दिए बयान में कहा, “भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय संबंध बेहतर हुए हैं। हर स्तर पर हमारा परस्पर संपर्क बढ़ा है।”
उन्होंने कहा, “ब्राजील लैटिन अमेरिका में हमारे सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है। इस यात्रा के दौरान हमने दवा विनियमन, कृषि अनुसंधान और साइबर सुरक्षा के नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में प्रगति की है।”
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से भारत और ब्राजील के बीच की साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं, जिसमें भारत निवेश करना चाहता है।
ब्राजील और भारत के बीच चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। ये करार कृषि और पशु पालन, फार्मा उत्पादों के नियमन, पशु जीनोमिक्स एवं सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी और निवेश सहयोग एवं सरलीकरण संधि पर किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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