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नेशनल

अमिताभ करवा चौथ पर केवल महिलाओं के व्रत रखने से निराश

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 अमिताभ बच्चन मुंबई, मेगास्टार अमिताभ बच्चन का कहना है कि उन्हें करवा चौथ के व्रत पर पतियों के लिए पत्नी के प्रेमभाव को देखकर अच्छा लगता है, लेकिन इस दिन केवल महिलाओं को ही व्रत रखता देख उन्हें काफी निराशा महसूस होती है। करवा चौथ के अवसर पर उत्तर भारत में विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। रात का चांद निकलने के बाद ही वे अन्न-जल ग्रहण करती हैं।

बॉलीवुड के 74 वर्षीय अभिनेता ने अपने ब्लॉग में इस त्योहार से जुड़ी रस्मों और रिवाजों के बारे में बात की, जो इस साल 19 अक्टूबर को देश भर में मनाया जा रहा है।

अमिताभ ने पोस्ट किया, “करवा चौथ के अवसर पर मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। विशेषकर महिलाओं को, जो पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चांद देखने के बाद अन्न-जल ग्रहण करती हैं, सबकुछ अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए। कुछ परंपराएं कभी खत्म नहीं होती।”अमिताभ ने बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन से शादी की है। दोनों की जोड़ी को ‘अभिमान’, ‘चुपके-चुपके’, ‘शोले’ और ‘जंजीर’ में खूब सराहा गया। 1973 को करीबी दोस्तों और परिजनों की उपस्थिति में अमिताभ और जया शादी के बंधन में बंधे थे।

‘पीकू’ के अभिनेता ने इस बात को भी साझा किया कि इस त्योहार के दिन पर पत्नी की ओर से मिलने वाले प्यार और देखभाल से उन्हें काफी खुशी होती है। इस त्योहार को विशेषकर उत्तर भारत में मनाया जाता है।अमिताभ को हालांकि, हमेशा इस बात की निराशा रही है कि इस दिन केवल महिलाएं ही व्रत रखती हैं और पतियों को इस प्रकार के रीति-रिवाजों से नहीं गुजरना पड़ता।

अमिताभ और जया के दो बच्चे हैं- अभिषेक बच्चन और श्वेता बच्चन। श्वेता की शादी व्यवसायी निखिल नंदा से हुई है और उनके दो बच्चे हैं अगस्त्य और नव्या नवेली। अभिनेता अभिषेक ने अभिनेत्री ऐश्वर्य राय से शादी की और उनकी एक बेटी है-अराध्या।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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