प्रादेशिक
नीतीश की ‘निश्चय यात्रा’ शुरू, विकास कार्यो का लेंगे जायजा
पटना/बेतिया | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपनी ‘निश्चय यात्रा’ पश्चिमी चंपारण जिले से शुरू कर की। नीतीश इस यात्रा के दौरान सभी 38 जिलों का दौरा करेंगे तथा विकास कार्यो का जायजा लेंगे। इस क्रम में वह ‘चेतना सभा’ को भी संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज से अपनी यात्रा शुरू की। नीतीश ने नरकटियागंज के लोक शिकायत निवारण अधिनियम कार्यालय का निरीक्षण किया तथा सुनवाई कक्ष में लोक शिकायत निवारण के कार्यो का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री लोगों से भी मिले और उनकी शिकायतें सुनीं।
पटना से रवाना होने से पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं कहा कि इस यात्रा के दौरान वह सात निश्चयों के तहत हो रहे विकस कार्यो का जायजा लेंगे और राज्य में शराबबंदी के प्रभावों को नजदीक से दखेंगे।
उन्होंने कहा, “सात निश्चय के तहत दो निर्णय राज्य के युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए हैं। एक निश्चय महिलाओं के रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण देने के संबध्ां में है, बाकी चीजें हर घर को लाभ मिलने से संबंधित हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन निश्चयों में ‘हर घर में बिजली’ भी है, जिसकी शुरुआत 15 नवंबर से होगी। इसके लिए सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया गया है।
हालांकि, नीतीश की यह कोई पहली यात्रा नहीं है। इसके पूर्व भी नीतीश कुमार कई यात्राएं कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इसके पूर्व वर्ष 2005 में न्याय यात्रा तथा वर्ष 2009 में विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा और प्रवास यात्रा की थी। इसके अलावा वह साल 2010 में विश्वास यात्रा, साल 2011 में सेवा यात्रा, साल 2012 में अधिकार यात्रा और साल 2014 में संकल्प यात्रा भी कर चुके हैं।
वहीं, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री की इस यात्रा क विरोध करने की घोषणा की है। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने बताया कि नीतीश कुमार जिस जिले में जाएंगे, वहां भाजपा के कार्यकर्ता उनका विरोध करेंगे।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री की यह यात्रा जनता को बेवकूफ बनाने के लिए है और पिछले एक साल में सरकार की जो भी नाकामियां हैं, उस पर पर्दा डालने के लिए है। यही कारण है कि भाजपा इस यात्रा का विरोध करेगी।”
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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