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प्रादेशिक

नोटबंदी पर लोग परेशान, नमक को लेकर आश्वस्त रहें लोग : सीएम अखिलेश

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akhilesh-hindustan samagam– सपा के कार्यकाल में यूपी के चहुमुंखी विकास का किया दावा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि सरकार ने हर क्षेत्र में अन्य सरकारों की तुलना में सबसे अधिक काम किया है। 500 व 1,000 रुपये के नोटों को अवैध घोषित करने को लेकर सीएम ने कहा कि इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। नमक को लेकर फैली अफवाह के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आधी रात को ही आश्वस्त कर दिया कि ऐसी स्थिति नहीं है। स्टॉक भरपूर है। लोग परेशान न हों।

उन्होंने दावा किया कि कुछ काम तो सरकार ने रिकॉर्ड समय में पूरा किया है। लखनऊ में स्थित ताज होटल में एक निजी समाचार पत्र के कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने पिछले चार वर्षो के दौरान काफी काम किए हैं। आगरा-एक्सप्रेस वे का काम रिकॉर्ड समय दो वर्ष में पूरा हुआ। इसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। इतने कम समय में अब तक किसी भी सरकार ने इतनी तेजी से विकास नहीं किया है।

उप्र के विकास को लेकर सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भरपूर बिजली देने का काम किया है। सरकार अपने वादे पूरे करते हुए बिजली मुहैया करा रही है। सरकार के विकास कार्यो पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। विपक्ष का काम सवाल खड़ा करना होता है, लेकिन सरकार ने इतने काम किए हैं कि कोई इसे नकार नहीं सकता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 व 1,000 रुपये के नोटों को अवैध घोषित करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, काला धन कहां है, यह सरकार तय करे। लेकिन आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसलिए हमने केंद्र से अनुरोध किया है कि पुराने नोटों को जमा करने की समय सीमा और बढाई जाए।

काले धन को लेकर उन्होंने कहा कि नोटों को बदलने को लेकर गांवों में और काउंटर खुलने चाहिए। लोग 10 किलोमीटर का फासला तय कर बैंकों तक जा रहे हैं। परेशानी किसको हो रही है, यह सरकार को समझना चाहिए। जब अखिलेश से पूछा गया कि आपकी तिजोरी में 500 व 1,000 रुपये के कितने नोट हैं तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि यह मुद्दा नहीं है। आज तिजोरियां सभी के पास हैं। सबको उसकी जरूरत है।

नई पार्टी बनाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, समाजवादी पार्टी मेरी पार्टी है। यदि मैं नेताजी की पार्टी में हूं तो मुझे कोई और पार्टी बनाने की क्या जरूरत है? उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के भीतर कोई झगड़ा नहीं है। कुछ मुद्दों पर मतभेद थे, जो दूर हो गए हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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