मुख्य समाचार
बीसीसीआई के सभी शीर्ष अधिकारियों को हटाया जाए : लोढ़ा समिति
नई दिल्ली। लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई को लेकर अपना रुख और कड़ा कर लिया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अनुशंसा में लोढ़ा समिति ने बोर्ड और इससे संबद्ध सभी रा’य क्रिकेट संघों के सभी शीर्ष अधिकारियों को पद से हटाने की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति ने इसके अलावा बीसीसीआई में बतौर ऑब्जर्वर पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई की नियुक्ति की भी सिफारिश की।
लोढ़ा कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपे अपनी अनुशंसा में कहा है कि बोर्ड के वर्तमान बड़े अधिकारियों को हटा कर थोड़े समय तक पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई की देखरेख में बोर्ड का कामकाज चलाया जाए। कमेटी ने कहा कि पर्यवेक्षक के रूप में जीके पिल्लई बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए ऑडिटरों की नियुक्ति का महत्वपूर्ण काम करेंगे, जिनमें भविष्य में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मीडिया अधिकारों के कॉन्ट्रैक्ट भी शामिल हैं।
इससे पहले पिछले माह अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के वित्तीय अधिकार सीमित करते हुए लोढ़ा समिति से एक स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीसीसीआई के वित्तीय अधिकार सीमित करने का आदेश देते हुए बोलियों और ठेकों के लिए वित्तीय सीमा का निर्धारण किया था।
सर्वो‘च न्यायालय द्वारा देश के क्रिकेट प्रशासन में आमूल-चूल सुधार के लिए नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानने को लेकर अनुराग ठाकुर के नेतृत्व वाली बीसीसीआई ने अब तक कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है। समिति की ताजा सिफारिश बोर्ड के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। समिति ने सोमवार को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में ‘बीसीसीआई के अधिकारियों द्वारा लगातार सिफारिशों को न मानने’ का भी जिक्रकिया है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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