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विवाद को दी हवा, सिमी कैदियों की कब्र पर लगाया शहीद का शिलालेख
खंडवा। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुठभेड़ में मारे गए स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ विचाराधीन कैदियों में से पांच को खंडवा में दफनाया गया था। इनकी कब्र पर लगाए गए शिलालेख में उन्हें शहीद बताया गया है। इस बात का खुलासा होने पर शहादत की लाइनों पर पेंट करा दिया गया है, मगर शिलालेख लगे हुए हैं।
ज्ञात हो कि भोपाल केंद्रीय जेल से सिमी के आठ विचाराधीन कैदी दिवाली की रात फरार हो गए थे और बाद में 31 अक्टूबर को भोपाल के गुनगा थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। इनमें से पांच अकील खिलजी, महबूब, अमजद, जाकिर और सलीक को बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया था। इन पांचों की कब्र पर पिछले दिनों शिलालेख लगाए गए। इन शिलालेखों पर आयत के साथ उन्हें शहीद भी बताया गया।
यह शिलालेख काले रंग के मार्बल पत्थर के हैं और इन पर सफेद पेंट के जरिये लिखा गया है। शिलालेख के एक हिस्से में आयत तो दूसरे हिस्से में शहादत का जिक्र है। इसके साथ ही कब्र के चारों ओर सीमेंट ईंट आदि भी लगा दी गई है। यहां पिछले कई दिनों से निर्माण कार्य चल रहा है। पांचों सिमी कार्यकर्ताओं की कब्र आसपास ही है।
सोशल मीडिया पर बुधवार को सिमी के पांचों विचाराधीन कैदियों की कब्र पर लगे शिलालेखों का वीडियो वायरल हुआ तो सब सकते में आ गए, क्योंकि इन शिलालेखों में उनकी मौत को शहादत बताया गया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया, उस हिस्से पर रात में आनन-फानन में पेंट कर दिया गया, जहां उन्हें शहीद बताया गया है।
खंडवा के पुलिस अधीक्षक एम. एस. सिकरवार ने गुरुवार को आईएएनएस से चर्चा के दौरान स्वीकारा कि शिलालेखों पर मृतकों को शहीद बताया गया था और उन्हें पेंट करा दिया गया है।
ज्ञात हो कि सिमी के विचाराधीन कैदी जेल प्रहरी रमाशंकर यादव की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या करने के बाद जेल से फरार हुए थे और नौ घंटे बाद ही पुलिस ने उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया था।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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