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बिजनेस

नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा : वित्त मंत्री

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arun jaitleyनई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सरकार द्वारा की गई नोटबंदी का सकल घरेलू विकास (जीडीपी) सहित अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा। जेटली ने नोटबंदी के असर के बारे में पूछे जाने पर यहां संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं, वे सही हैं और उनका क्रियान्वयन सही तरीके से हो रहा है। जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था की बात है, तो नोटबंदी का जीडीपी सहित पूरी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पडऩे जा रहा है।

जेटली ने कहा कि नोटबंदी का सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि छिपाकर रखे गए धन बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा होंगे और अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए अब बैंकों के पास अधिक से अधिक धन होगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा, निजी क्षेत्र के निवेशक जो अभी तक व्यवस्था से दूर थे, अब वापस अर्थव्यवस्था का हिस्सा होंगे।

उन्होंने कहा, वैसे बैंक जो एनपीए (बैड लोन) के कारण संघर्षरत थे, अब उनके पास कृषि, अवसंरचना, सामाजिक क्षेत्र तथा व्यापार व उद्योगों को ऋण देने के लिए अधिक से अधिक रकम होगी। उन्होंने कहा, इसके अलावा, जब दीर्घकालिक तौर पर अधिक से अधिक लेनदेन बैंकिंग नेटवर्क में आएंगे, तब आप प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सुधार देखेंगे। और इसलिए मध्यम व दीर्घकालिक तौर पर अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए यह बात साबित हो जाएगी कि जब विमुद्रीकरण की प्रक्रिया चलती रहती है, तब सचमुच में इसके तत्काल प्रभाव से परे देखना होगा और भारत में पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया के बाद के हालात को देखना होगा।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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