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आरबीआई नोटो की आपूर्ति का ब्योरा रोजाना दे : बैंक यूनियन

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आरबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक, एआईबीओए, नोटबंदी, गर्वनर उर्जित पटेल, एटीएम

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आरबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक, एआईबीओए, नोटबंदी, गर्वनर उर्जित पटेल, एटीएम

Reserve-Bank-of-India

कोलकाता  | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड की गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बंगाल प्रोविंशियल बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन (बीपीबीईए) ने बुधवार को शीर्ष बैंक से संबंधित बैंकों को नोटों की आपूर्ति का विवरण सार्वजनिक रूप से रोजाना जारी करने की मांग की है।

उन्होंने यहां आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर नोटबंदी के विरोध में प्रदर्शन किया और क्षेत्रीय निदेशक को ज्ञापन सौंपा। आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल भी केंद्रीय बोर्ड की इस बैठक में शामिल होंगे।

एआईबीओए के पश्चिम बंगाल स्टेट कमिटी के महासचिव समीर बनर्जी ने कहा, “आरबीआई को विभिन्न करेंसी चेस्ट/बैंक को आपूर्ति की जाने वाली नोटों की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए। क्योंकि आरोप है कि कुछ चुने हुए बैंकों को ज्यादा नोट जारी किए जा रहे हैं, जबकि सरकारी बैंकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस पर आरबीआई को स्पष्टीकरण देना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “अगर आरबीआई बैंकों को नोटों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं कर पा रहा है तो बैंक की शाखाओं ने नकद लेनदेन को पर्याप्त नकदी उपलब्ध होने तक रोक देनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि देश के 70 फीसदी एटीएम काम ही नहीं कर रहे हैं या फिर उनमें नोट खत्म हैं।

बीपीबीईए के महासचिव राजेन नागर ने कहा, “सभी एटीएम को तुरंत चालू किया जाए और आरबीआई को सभी बैंकों को पर्याप्त नकदी जारी करने के लिए कदम उठाने चाहिए।”

बैंक स्टॉफ यूनियन ने कहा कि अगर आरबीआई बैंकों को पर्याप्त नोट की आपूर्ति कर रहा है तो लोगों द्वारा अपनी रकम निकालने पर प्रति सप्ताह 24,000 रुपये की सीमा क्यों लगाई गई है।

इसके अलावा यूनियन ने कहा कि बैंकों को अभी भी पर्याप्त मात्रा में 500 के नोट नहीं मिले हैं और यही कारण है कि ग्राहक 2000 रुपये के नोट लेने से मना कर रहे हैं, क्योंकि वे बाजार में इसका खुल्ला नहीं करा पा रहे हैं। बनर्जी ने आगे कहा, “आरबीआई ने जो 100 रुपये के नोटों की आपूर्ति की है वे गंदे और पुराने नोट हैं, जिसे ग्राहक स्वीकार नहीं कर रहे हैं।”

 

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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