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प्रादेशिक

कश्मीर में शीतलहर का दौर जारी

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में तापमान में गिरावट और शीतलहर का दौर जारी है। रविवार को भी घाटी और लद्दाख क्षेत्र में न्यूनतम तापमान हिमांक से कई डिग्री सेल्सियस नीचे बना रहा। मौसम विभाग ने रविवार को बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क और ठंडा बना रहेगा तथा न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू एवं कश्मीर में शीतलहर बनी रहेगी। इस दौरान मौसम शुष्क और सर्द रहने की संभावना है।”

अधिकारी ने बताया, “श्रीनगर में आज (रविवार को) न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रविवार को गुलमर्ग का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 5.6 डिग्री सेल्सियस और पहलगाम का शून्य से नीचे 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेह का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 12.2 डिग्री सेल्सियस और कारगिल का शून्य से नीचे 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।”

अधिकारी ने बताया, “रविवार को जम्मू शहर का न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।” घाटी में शुष्क मौसम के कारण सूखी खांसी, एन्फ्लूएंजा, शीतदंश और श्वांस संबंधी रोग सर्दियों में लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रहे हैं।
बर्फबारी नहीं होने से नागरिकों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि कड़ाके की ठंड में 40 दिनों की अवधि (चिल्लई कालन) के दौरान होने वाली बर्फबारी से घाटी के चिरस्थाई जलाशय भरते हैं। इस साल 21 दिसंबर से चिल्लई कालन शुरू होने के बाद से घाटी में बर्फबारी नहीं हुई है।

उत्तर प्रदेश

पंडित प्रदीप मिश्रा पहुंचे बरसाना, मंदिर में नाक रगड़कर मांगी माफी

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मथुरा। राधा रानी पर विवादित टिप्पणी करने के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने शनिवार को बरसाना पहुंचे जहां उन्होंने नाक रगड़कर माफी मांगी है। इस दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। राधा-रानी से माफी मांगने के बाद वो मंदिर से बाहर निकले। हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन किया।

मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सभी ब्रजवासियों को बहुत-बहुत बधाई। राधा-रानी के दर्शन करने के लिए यहां पधारा हूं। मैं ब्रजवासियों के प्रेम की वजह से यहां आया हूं। लाडली जी ने खुद ही इशारा कर मुझे यहां बुलाया, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा।

उन्होंने कहा कि मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए माफी मांगता हूं। मैं ब्रजवासियों के चरणों में दंडवत प्रणाम कर माफी मांगता हूं। मैंने लाडली जी और बरसाना सरकार से क्षमा चाहता हूं। सभी से निवेदन है कि किसी के लिए कोई अपशब्द न कहें। राधे-राधे कहें, महादेव कहें। मैं सभी महंत, धर्माचार्य और आचार्य से माफी मांगता हूं।

दरअसल प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था कि राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थी। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थी। जिसके बाद संत समाज में नाराजगी देखने को मिली।

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